2015-12-02 10:58:00

भारतीय संस्कृति मंत्री ताज के हिन्दूकरण के खिलाफ़


नई दिल्ली, बुधवार, 2 दिसम्बर 2015 (एशियान्यूज़): भारत सरकार ने छः वकीलों के इस दावे को ख़ारिज कर दिया है कि विश्व विख्यात ताजमहल एक हिन्दू मन्दिर था इसलिये उसे पुनः हिन्दुओं के सिपुर्द कर दिया जाना चाहिये।

आगरा के वकीलों ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि चूँकि ताजमहल पहले भगवान शिव को समर्पित मन्दिर था इसलिये इसे हिन्दुओं को लौटा दिया जाना चाहिये। उन्होंने अदालत से कहा था कि ताजमहल के हिन्दू मन्दिर होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं।      

भारत के केन्द्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कह कि ताजमहल के हिन्दू मन्दिर होने से सम्बन्धित कोई सबूत नहीं मिला है।   

मुग़ल शासन काल के दौरान 17 वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। मुमताज़ महल बादशाह की तीसरी पत्नी थीं जिनकी मौत 14 वीं सन्तान को देते समय हो गई थी।

विश्व विख्यात ताजमहल श्वेत संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है जिसके गुम्बचों और मीनारों पर सुन्दर नक्काशियों सहित अर्द्ध-कीमती पत्थर एवं रत्न जड़े हुए हैं। मुग़ल कारीगरी के बनाए बेजोड़ स्मारक ताजमहल को सन् 1983 ई. में संयुक्त राष्ट्र संघीय शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति सम्बन्धी संगठन यूनेस्को ने विश्व की धरोहर घोषित किया था। लगभग 12 हज़ार पर्यटक प्रति दिन इसे देखने आते हैं।   

एशियान्यूज़ ने प्रकाशित किया कि एक मुस्लिम स्मारक के हिन्दूकरण का विचार हिन्दु चरमपंथी दल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की क्रार्यसूची का अंग है जो ख्रीस्तीय एवं मुसलमानों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने हेतु भारतीय सरकार पर दबाव डालता रहा है। 








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