2015-12-01 11:25:00

चरमपंथ, जलवायु एवं वाटीलीक्स पर सन्त पापा ने पत्रकारों को किया आलोकित


अफ्रीका से रोम विमान यात्रा, मंगलवार, 1 दिसम्बर 2015 (सेदोक)- अफ्रीकी राष्ट्रों में अपनी छः दिवसीय प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न कर, सोमवार को, रोम की वापसी यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस ने धार्मिक चरमपंथ, जलवायु परिवर्तन तथा वाटीलीक्स जैसे गम्भीर मुद्दों पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया।        

पत्रकारों से उन्होंने कहा कि अफ्रीका में उनकी पहली यात्रा सफल रही जिसके दौरान उन्हें काथलिक धर्मानुयायियों से ही नहीं अपितु मुसलमान भाइयों से भी मुलाकात का सुअवसर मिला। सन्त पापा ने कहा कि केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र की राजधानी बांगी में उन्होंने मस्जिद में जाकर प्रार्थना की तथा एक इमाम के साथ अपनी पापामोबिल द्वारा मुसलमान इलाके की भेंट की। उन्होंने कहा कि इससे बढ़कर और कौनसी खुशी हो सकती है।

उन्होंने कहा कि केनिया, यूगाण्डा तथा केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र के लोगों द्वारा उनके प्रति प्रदर्शित स्नेह से वे गद्गद् हैं। केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र के लोगों के बारे में उन्होंने कहा कि ये लोग शांति, पुनर्मिलन और क्षमा की कामना करते हैं।

विश्व में बढ़ते धार्मिक चरमपंथ की पृष्ठभूमि में धार्मिक नेताओं की भूमिका के बारे में सन्त पापा ने कहा कि धार्मिक नेताओं का काम मानवजाति के उत्थान हेतु धर्म की सही व्याख्या करना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं का दायित्व है कि वे पुरोहित, मेषपाल, ईमाम और रब्बी की भूमिका निभायें राजनीति में कदापि न पड़ें।

उन्होंने कहा कि मानवता के यथार्थ मूल्यों जैसे मैत्री एवं भ्रातृत्व का प्रसार कर धार्मिक नेता अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सब ईश्वर की सन्तान हैं और इसी भावना में धार्मिक नेताओं को प्रचार-प्रसार करना चहिये।

धार्मिक चरमपंथ एवं अतिवाद को एक रोग बताकर सन्त पापा ने कहा, "धार्मिक चरमपंथ एक बीमारी है जो सभी धर्मों में व्याप्त है। काथलिकों में भी अतिवादी विचारधारा रखनेवाले लोग हैं जो इस भ्रम में पड़े हैं कि परम सत्य केवल उनके पास है तथा अन्यों को बदनाम करते हैं।" उन्होंने कहा कि ऐसे लोग काथलिक कलीसिया का हित नहीं करते बल्कि उसे नुकसान पहुँचाते हैं। सन्त पापा ने स्पष्ट किया कि धार्मिक चरमपंथ ईश्वर रहित है। उन्होंने कहा, "धार्मिक चरमपंथ धार्मिक  नहीं है क्योंकि इसमें ईश्वर अनुपस्थित हैं। यह बुतपरस्ती है ठीक वैसे ही धन की पूजा होती है। इसका ईश्वर, धर्म और विश्वास से कोई नाता नहीं है।"   

पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर इस समय जारी विश्व शिखर सम्मेलन के सन्दर्भ में पूछे गये प्रश्न पर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि यदि इस बार जलवायु परिवर्तन और गर्म होते तापमान को रोकने के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये तो यह भविष्य में कभी नहीं उठाये जा सकेंगे। उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता कि पेरिस सम्मेलन में क्या निर्णय लिये जायेंगे किन्तु इतना अवश्य कह सकता हूँ या अभी या फिर कभी नहीं।" उन्होंने कहा, "वर्ष प्रति वर्ष परिस्थिति गम्भीर से गम्भीरतम होती जा रही है, यदि कठोर शब्दों में व्यक्त करूँ तो मैं कहूँगा कि हम सीमा पार कर चुके हैं और अब हम आत्महत्या के कगार पर खड़े हैं।"

अफ्रीकी देशों में एच आई वी संक्रमण तथा एड्स महामारी से सम्बन्धित मौतों के सन्दर्भ में क्या कलीसिया को गर्भनिरोधकों के बारे में अपनी धर्मशिक्षा में बदलाव लाना चाहिये सवाल पर सन्त पापा ने फ्राँसिस ने कहा, "आपका प्रश्न मुझे बहुत ही संकीर्ण सा और एक तरह से आंशिक भी लग रहा है।" उन्होंने कहा कि एड्स महामारी की रोमथाम में गर्भनिरोधकों एवं कॉनडम का प्रयोग एक तरीका है किन्तु कलीसिया की नैतिक ईश नियमों पर आधारित है और ईश्वर का पाँचवा हुक्म हमसे जीवन की रक्षा करने की मांग करता है। तथापि, उन्होंने कहा, "यह समस्या नहीं है समस्या इससे भी बढ़कर है क्योंकि लोग शुद्ध पेयजल के अभाव में मर रहे हैं, वे कुपोषण से मर रहे हैं, शोषण और दासता से वे पीड़ित हैं, ये हैं वास्तविक समस्याएँ। जब इन समस्याओं का समाधान ढूँढ़ लिया जायेगा तब ही यह प्रश्न किया जा सकता है कि एड्स रोग की रोकथाम के लिये कॉनडम का प्रयोग वैधसंगत है अथवा नहीं?”            

वाटिकन में भ्रष्टाचार तथा उससे सम्बन्धित दस्तावेज़ों की चोरी और उनके प्रकाशन पर चल रहे मुकद्दमें के बारे में पूछे जाने पर सन्त पापा ने कहा कि जहाँ कहीं भी भ्रष्टाचार है उसे समाप्त किया जाना चाहिये तथा अपराधियों पर न्यायिक कार्रवाई होनी चाहिये। पत्रकारों की स्वतंत्रता के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर गोपनीय दस्तावेज़ों की चोरी करना अथवा धोखाधड़ी से उन्हें हासिल कर उनका प्रकाशन करना उचित नहीं है।

सन्त पापा ने कहा, "मीडिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं व्यावसायिक होना चाहिये और सबसे महत्वपूर्ण बात उसे सत्य की प्रकाशना करना चाहिये, एक तरफा समाचार नहीं देना चाहिये। आधा सच प्रकाशित कर आधे में बदनाम करना उसका काम नहीं है। भ्रष्टाचार को देखना तथा उसकी निन्दा करना उचित है किन्तु केवल नाम कमाने के लिये मिथ्या प्रचार करना सरासर ग़लत है और फिर यदि कोई पत्रकार इस प्रकार की ग़लती करता है तो उसे माफ़ी मांगनी चाहिये।"  

ग़ौरतलब है कि वाटिकन में इटली के दो पत्रकारों एवं वाटिकन के आर्थिक मामलों की देखरेख के निर्मित आयोग के तीन सदस्यों पर मुकद्दमा जारी है। अगली सुनवाई 07 दिसम्बर के लिये तय है। 








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