2015-11-30 12:14:00

शांति एवं करुणा की याचना करते हुए सन्त पापा ने खोला बांगी में पवित्र द्वार


केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र, बांगी, सोमवार, 30 नवम्बर 2015 (सेदोक): "बांगी आज विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है", रविवार, 29 नवम्बर को बांगी के काथलिक महागिरजाघर का पवित्र द्वार खोलकर सन्त पापा फ्राँसिस ने इन शब्दों से युद्ध, हिंसा एवं निर्धनता से त्रस्त केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र के प्रति सम्मान का प्रदर्शन किया। यह पहला मौका था जब काथलिक कलीसिया के किसी परमाध्यक्ष ने रोम से बाहर पवित्र दरवाज़ा खोला था।

ग़ौरतलब है कि दिसम्बर आठ को रोम में सन्त पापा फ्राँसिस वाटिकन के सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के पवित्र द्वार को खोलकर करुणा की जयन्ती वर्ष का उदघाटन करेंगे किन्तु अफ्रीका की गम्भीर समस्याओं के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित कराने के लिये विगत पहली नवम्बर के दिन उन्होंने सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में देवदूत प्रार्थना के लिये एकत्र भक्त समुदाय के समक्ष घोषित किया था कि केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र में जारी हिंसा के चक्र से वे अत्यधिक दुःखी हैं। उन्होमने कहा था कि सार्वभौमिक कलीसिया के सामीप्य का प्रदर्शन करते हुए वे अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान बांगी के महागिरजाघर के पवित्र द्वार खोल कर केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र के लोगों से दया एवं पुनर्मिलन के साक्षी बनने की अपील करेंगे।    

रविवार को बांगी के महागिरजाघर में अनेकानेक धर्माध्यक्षों सहित लगभग छः हज़ार पुरोहितों, धर्मसंघियों, धर्मबहनों एवं लोक धर्मी विश्वासियों की उपस्थिति में पवित्र द्वार खोलते हुए उन्होंने घोषित कियाः "हम सब शांति, करुणा, पुनर्मिलन, क्षमा और प्रेम के लिये प्रार्थना करें। सम्पूर्ण केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र तथा विश्व के समस्त युद्ध ग्रस्त देशों में शांति की बहाली के लिये हम प्रार्थना करें।"      

पवित्र दरवाज़े को खोलने की धर्मविधि काथलिक कलीसिया के सदस्यों को जयन्ती वर्ष के दौरान मुक्ति के पथ पर अग्रसर होने तथा दया और क्षमा द्वारा अपने हृदय को शुद्ध करने हेतु "एक असाधारण पथ" की प्रस्तावना करती है। काथलिक कलीसिया का जयन्ती वर्ष प्रति 25 वें वर्ष मनाया जाता है जिसके दौरान काथलिक कलीसिया के गढ़ रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर का पवित्र द्वार खोला जाता है, जो सामान्यतः बन्द रहा करता है। इस वर्ष सन्त पापा फ्राँसिस ने असाधारण जयन्ती वर्ष की घोषणा की है तथा उसे करुणा और क्षमा पर केन्द्रित रखा है। आगामी आठ दिसम्बर से लेकर सन् 2016 के आठ दिसम्बर तक विश्व के हर महागिरजाघर के पवित्र द्वार को पार कर श्रद्धालु ईश्वरीय अनुग्रह प्राप्त कर सकते हैं।   








All the contents on this site are copyrighted ©.