बांगी, सोमवार, 30 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 29 नवम्बर को केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य की राजधानी बांगी स्थित महागिरजाघर के प्राँगण में युवाओं के लिए मेल- मिलाप संस्कार का अनुष्ठान किया तथा जागरण प्रार्थना का उद्घाटन किया।
उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे साहसी बनकर कठिनाईयों का सामना करें। उन्होंने कहा, ″जीवन की कठिनाईयों से भाग जाना समाधान कदापि नहीं है। तुम्हें साहसी बनना चाहिए, क्षमाशीलता में, प्रेम में तथा शांति स्थापित करने में।″ संत पापा ने युवाओं के प्रतीक ‘केले के पेड़’ की विशेषता पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि यह जीवन का प्रतीक है जो लगातार बढ़ता तथा फल देता है और जो हमारे लिए पौष्टिक भोजन है। यह लम्बे समय तक टिकता है। उन्होंने कहा कि इसे साफ जाहिर है कि यह हमें युद्ध, घृणा तथा विभाजन की विकट परिस्थितियों में भी धीर बने रहने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा कि जीवन की चुनौतियों से भागने का प्रयास सही समाधान कदापि नहीं है। हमें अच्छाई हेतु संघर्ष में धीरज बनाये रखने की जरूरत है क्योंकि जो भागते हैं उनमें जीवन अर्पित करने का साहस नहीं।
संत पापा ने युवाओं को धीरज नहीं खोने हेतु महत्वपूर्ण तीन उपाय बतलाया- प्रार्थना, शांति निर्माण हेतु कार्य करना तथा साहसी बनना। प्रार्थना ताकतवर है यह बुराई पर विजय दिलाती है तथा हमें ईश्वर के करीब लाती है। संत पापा ने युवाओं से कहा कि वे प्रार्थना करना न भूलें।
शांति स्थापना के लिए कार्य करना। उन्होंने कहा कि यह कोई दस्तावेज नहीं है जिसपर हस्ताक्षर कर सुरक्षित रखा जाए बल्कि इसे बनाने हेतु प्रतिदिन प्रयास किया जाना चाहिए। संत पापा ने इसके लिए एक-दूसरे से घृणा नहीं करने तथा क्षमा करने की सलाह दी। उन्होंने घृणा नहीं करने एवं क्षमा प्रदान करने वाले को जीवन के संघर्ष में एक महान विजेता करार दिया क्योंकि उसने प्रेम को जीत लिया है जिसके द्वारा शांति प्राप्त होती है। संत पापा ने युवाओं को जीवन की चुनौतियों में साहसी बनने का महत्व बतलाते हुए कहा कि चुनौतियों से बचने का प्रयास करना समाधान नहीं है अतः साहसी बनना चाहिए। क्षमा देने, शांति निर्माण एवं प्रेम करने में साहसी। संत पापा ने युवाओं को दृढ़ बने रहने, प्रेम करने, घृणा से बचने तथा शांति निर्माता बनने के लिए प्रार्थना करने की सलाह दी।
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