2015-11-29 12:14:00

शांति सन्देश लिये सन्त पापा फ्राँसिस केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र में


केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र, रविवार, 29 नवम्बर 2015 (सेदोक): अफ्रीकी देशों में अपनी छः दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के तीसरे और अन्तिम चरण में, रविवार, 29 नवम्बर को विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने यूगाण्डा से विदा ले केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र (कार) के लिये प्रस्थान किया जहाँ ख्रीस्तीय एवं मुसलमान लड़ाकाओं के बीच हिंसा ने, विगत दो वर्षों में, लगभग दस लाख लोगों को अपने घरों से पलायन करने के लिये बाध्य किया है।

(कार) की राजधानी बांगी में व्याप्त जर्जर सुरक्षा परिस्थितियों ने, हाल के सप्ताहों में ऐसी आशंकाओं को तूल दिया था कि सन्त पापा फ्राँसिस अपनी इस यात्रा को रद्द कर सकते थे। अभी एक माह पहले ही उग्रवादी भीड़ मुसलमानों को सड़कों पर पीट रही थी, यहाँ तक कि लोगों के सिर उनके धड़ों से अलग किये जा रहे थे तथा शरीर के विभिन्न अंगों को काट कर फेंक दिया जा रहा था। साम्प्रदायिक हिंसा के परिणाणस्वरूप, विगत दो माहों के अन्तर्गत ही, कम से कम 100 व्यक्तियों की हत्या कर दी गई है किन्तु हाल के दिनों में माहौल बन्दूक की गोलियों एवं छुरे चाकूओं से मुक्त रहा है।

उत्तर में चाद, पूर्व में सूडान, दक्षिण में कॉन्गो प्रजातांत्रिक गणतंत्र तथा पश्चिम में कैमरून की सीमा से संलग्न केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र (कार) फ्राँस का उपनिवेश देश है। यहाँ की आधिकारिक भाषा फ्रेंच है तथा स्थानीय भाषा सान्गो है तथापि, कई कस्बों में सूडानी बोली का इस्तोमाल किया जाता है। राष्ट्र की कुल आबादी 46 लाख 21 हज़ार है जिनमें 38 प्रतिशत ख्रीस्तीय धर्मानुयायी, 20 प्रतिशत पारम्परिक धर्मों को मानने वाले, 16 प्रतिशत प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय तथा 15 प्रतिशत इस्लाम धर्मानुयायी हैं। दुर्भाग्यवश, देश की लगभग 44 प्रतिशत जनता निरक्षर है।

सन् 1985 ई. में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र की प्रेरितिक यात्रा की थी। इस राष्ट्र में सन्त पापा फ्राँसिस की यह पहली प्रेरितिक यात्रा है जिसका प्रमुख उद्देश्य शांति सन्देश का प्रसार करना है तथा विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच दया, क्षमा एवं पुनर्मिलन को प्रोत्साहन देना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु सन्त पापा फ्राँसिस ने राजधानी बांगी के काथलिक महागिरजाघर में करुणा को समर्पित जयन्ती वर्ष के शुभारम्भ की घोषणा की है। 

बहुतों की आशा है कि केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र में सन्त पापा का शांति सन्देश साम्प्रदायिक हिंसा से त्रस्त देश को स्थायित्व प्रदान कर सकेगा। निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार सन्त पापा फ्राँसिस बांगी में विस्थापितों एवं शरणार्थियों के सन्त ज़ेवियर विस्थापन केन्द्र की भेंट करेंगे जहाँ बहुत से ख्रीस्तीयों ने पनाह ली है। साथ ही राजधानी बांगी के मुस्लिम बहुल इलाके पीके5 में विस्थापित  मुसलमानों एवं इस्लाम धर्म के नेताओं से मुलाकात करेंगे।

शनिवार को केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र की राष्ट्रपति कैथरीन साम्बा पान्सा ने पत्रकारों से कहा कि "शांति के सन्देशवाहक" रूप में सन्त पापा फ्राँसिस की प्रतीक्षा की जा रही थी। उन्होंने कहा, "केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र के अधिकांश लोग आशा कर रहे हैं कि जो सन्देश वे प्रसारित करेंगे वे राष्ट्रीय जागरण को प्रोत्साहित कर देश के लोगों में एक दूसरे को स्वीकार करने की चेतना जाग्रत करेंगे ताकि लोग शांतिपूर्ण सहअस्तित्व में जीवन यापन करना सीखें तथा राष्ट्र के निर्माण में योगदान प्रदान कर सकें।"

बांगी हवाई अड्डे के निकट स्थित विस्थापन केन्द्र में विगत दो वर्षों से पनाह ले रहे लोगों में निराशा देखने को मिलती है। वे हतोत्साहित हैं क्योंकि आज की स्थिति दिसम्बर सन् 2013 की स्थिति से भी बदत्तर है। हाल के झगड़ों के बाद सैनडरिन सान्से तथा उनका परिवार एक बार फिर विस्थापन केन्द्र में चला आया है। 2013 के बाद उन्होंने नौ महीने इस विस्थापन केन्द्र में व्यतीत किये थे। सैन्डरीन ने कहा, "हमारी प्रार्थना है कि सन्त पापा की यात्रा से शांति लौट आये तथा हम अपने घरों को वापस जाकर सामान्य जीवन यापन कर सकें।"

वस्तुतः, राष्ट्र में सर्वत्र तनाव बने हुए हैं। यहाँ तक कि बांगी के महाधर्माध्यक्ष मुसलमान बहुल इलाके में जाने के लिये अपने साथ सशस्त्र शांतिरक्षकों को ले जाते हैं। इसके अतिरिक्त, राजधानी बांगी में कई माहों से रात आठ बजे के बाद से करफ्यू लगा दिया जाता है तथा शस्त्रों एवं गोलियों की गड़गडाहट अन्धेरी रातों के मौन चीरती रहती है।

केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र में सेवारत संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों ने वाटिकन को आश्वासन दिया है कि सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था नियंत्रण में रहेगी। राष्ट्र संघीय सुरक्षा एजेन्सी के अध्यक्ष पारफेत ओनांगा आनयान्गा ने वाटिकन रेडियो से कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघीय शांति रक्षक तथा फ्राँस की सैनिक टुकड़ियाँ आश्वस्त हैं कि वे सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रख सकेंगे।" 

घटनाओं के क्रम पर यदि ध्यान दिया जाये तो केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र में सन् 2013 से रक्तपात शुरु हुआ है जब मुसलमान विद्रोही दलों की एक मिली-जुली पार्टी ने ख्रीस्तीय धर्म के राष्ट्रपति को अपदस्थ करने का दुस्साहस किया था। ग़ौरतलब है कि किसी विचारधारा पर नहीं अपितु लोभ और लालच के इरादे से उन्होंने सत्ता हड़पी थी इसलिये उनके शासनकाल में घृणा को प्रश्रय मिला तथा विद्रोहियों ने सामान्य नागरिकों को क्रूर हिंसा का शिकार बनाया। 2014 में विद्रोही नेता ने सत्ता छोड़ दी किन्तु इसके बाद बलाका विरोधी लड़ाकाओं ने प्रतिशोधात्मक हिंसा की लहर चलाई जिसके परिणामस्वरूप राजधानी बांगी से मुसलमानों को पलायन करने के लिये बाध्य होना पड़ा। ह्यूमन राईट्स वॉच के अनुसार 1,22,000 मुसलमानों में से बांगी में अब केवल 15,000 मुसलमान लोग शेष रह गये हैं।

विदित हो कि केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र में दिसम्बर माह के लिये चुनावों की तैयारियाँ की जा रही थीं किन्तु दुर्भाग्यवश, इसी बीच, सितम्बर माह में एक मुसलमान टैक्सी ड्रायवर की हत्या से तनाव उत्पन्न हो गये थे तथा हिंसा भड़क उठी थी। हत्या के कुछ ही घण्टों बाद सेलेका नामक मुस्लिम लड़ाकाओं ने मुसलमान बहुल इलाके पीके5 के इर्द-गिर्द निवास करने वाले ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों पर बदले की कार्रवाई शुरु कर दी थी।      

तनावों के बावजूद अध्यक्ष आनयान्गा ने कहा कि मुसलमान समुदाय भी सन्त पापा फ्राँसिस के स्वागत को उत्सुक है। इसीलिये विगत सप्ताह बांगी के मोतिया रंग के मस्जिद में मरम्मत का काम चल रहा था तथा इसे सजीव पुदीन हरा रंग दिया जा रहा था।

उन्होंने कहा, "सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा वह सुअवसर है जो हमें स्मरण दिलाता है कि एक राष्ट्राध्यक्ष होने के साथ-साथ वे एक आध्यात्मिक धर्मगुरु भी हैं और सम्भवतः इसी आयाम में केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र के लोग ऊर्जा और प्रेरणा पा सकते हैं ताकि राष्ट्र अपने आप में सामंजस्य की खोज कर सके तथा एक ऐसे भविष्य की योजना बना सके जिसमें केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र के बच्चे एकता में सूत्रबद्ध होकर सुखद जीवन यापन कर सकें।           








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