2015-11-28 16:49:00

ग़रीबों को न भूलें


कम्पाला, शनिवार, 28 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने यूगांडा में प्रेरितिक यात्रा पर 28 नवम्बर को कम्पाला के नालूकोलोन्गो स्थित चैरिटी केंद्र का दौरा कर ग़रीब, बीमार तथा विकलांग लोगों से मुलाकात की।

कार्डिनल सुबूगा द्वारा स्थापित इस केंद्र में आरम्भिक दिनों में गुलामी से मुक्त किये गये बच्चों को रखा जाता था तथा महिलाओं को धार्मिक शिक्षा दी जाती थी।  

संत पापा ने नालूकोलोन्गो स्थित चैरिटी केंद्र की मदद हेतु यूगांडा के सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे ग़रीबों को न भूलें। उन्होंने कहा, ″सुसमाचार हमसे मांग करता है कि हम समाज के उपनगरों में जाएँ तथा दुःख सहने वाले लोगों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों में ख्रीस्त को पहचानें।″  संत पापा ने समाज द्वारा वयोवृद्धों की उपेक्षा तथा मानव तस्करी द्वारा युवाओं के शोषण को अत्यन्त दुःखद बतलाया। उन्होंने खेद जताया कि आज विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्वार्थ तथा उदासीनता की भावना हावी हो रही है क्योंकि हमारे बहुत से भाई-बहन फेंकने अथवा नष्ट करने की संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं।

संत पापा ने इन बुराइयों पर रोक हेतु सभी ख्रीस्तीयों का आह्वान करते हुए कहा, ″एक ख्रीस्तीय के रूप में हम चुपचाप खड़े नहीं रह सकते। हमें बदलाव लाने की जरूरत है। हमारे परिवारों में न केवल अपने बच्चों के लिए किन्तु उन सभी लोगों के लिए जिन्हें इसकी जरूरत है। हम उनके लिए ईश्वर के धैर्य एवं करुणामय प्यार का स्पष्ट चिन्ह बनें। ग़रीबों की पुकार पर हमारे कान एवं पल्लियों के द्वार बंद न हों। संत पापा ने कहा कि यही ख्रीस्तीय शिष्यत्व का रास्ता है। इस प्रकार, हम उस प्रभु की सेवा करते हैं जो सेवा कराने नहीं किन्तु सेवा करने आये। हम लोगों के बीच यह प्रमाणित करें कि व्यक्ति वस्तु से बढ़कर है तथा हम उन सभी भौतिक चीजों से अधिक महत्वपूर्ण हैं जो हमारे पास है। हम जिनकी सेवा करते हैं उनके माध्यम से ख्रीस्त हमें अपने को प्रकट करते तथा अनन्त राज्य का रास्ता तैयार करते हैं जिसकी हम सभी आशा करते हैं।

संत पापा ने प्रार्थना एवं उदार कार्यों द्वारा छोटे भाई-बहनों में ख्रीस्त का सम्मान करने की सलाह दी तथा कहा कि ऐसा कर हम दुनिया में उनके प्यार की शक्ति का प्रचार कर सकते हैं तथा सच्चा परिवर्तन ला सकते हैं। 








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