2015-11-27 17:16:00

केनिया के युवाओ से संत पापा की मुकालात


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 27 नवम्बर 2015 (सेदोक) संत पापा ने केनिया की की प्रेरितिक यात्रा के दौरान शुक्रवार को नैरोबी के कासारानी स्टेडियम में युवाओ से मुलाकत की और भ्रष्टाचार और आदिवासीवाद मुद्दों पर संबोधित किया।

संत पापा ने युवा द्वारा दिये गये रोजरी और उनकी उत्साहपूर्ण उपस्थिति के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने लिनेट और मानुवेल का धन्यवाद अदा किया जिन्होंने युवाओ की ओर से अपने विचारों को संत पापा के साथ साक्षा किया।

संत पापा ने कहा कि लिनेट और मानुवेल द्वारा पूछे गये सवालों के आधार पर मैं अपने आप से सवाल करता हूँ क्यों हमारे बीच विभाजन, युद्ध और मृत्यु होती है? कट्टारतावाद और विभाजन लोगों के बीच क्यों है? क्यों लोगों एक दूसरे को मार डालने की इच्छा रखते हैं? बाईबल के पहले पन्ने में, सारी अच्छी चीजों के बाद जिसे ईश्वर ने किया, एक भाई अपने ही भाई को मार डालता है। बुराई की आत्मा हमें बुरे मार्ग में ले चलती है और हमें विभाजित करती है। यह हमें आदिवासीवाद, भ्रष्टाचार और नशीली चीजों की ओर ले जाती है। यह हमें कट्टरातावाद के विनाश की ओर ले जाती है। हम कैसे चीजों का उपयोग करें जो हमें अपने भाई एवं बहनों से बचाये रखें। यह एक शब्द है जो कानों से सुनने में हमें अच्छा नहीं लगेगा लेकिन मैं इसे छोड़ना नहीं चाहता। आप इसे जानते है। आप ने उस शब्द को अपने रोजरी के रूप में मुझे देकर व्यक्त किया है। धर्माध्यक्ष ने इस सम्मेलन की तैयारी के तौर में इसका उपयोग किया है।

एक व्यक्ति अपनी मानवता को खो देता है जब वह यह भूल जाता है कि कैसी प्रार्थना करनी चाहिए, क्योंकि वे अपने को शाक्तिशाली मानते है क्योंकि वे अपने कठिन परिस्थिति, दुःख की घड़ी में ईश्वर की सहायता का अनुभव नहीं करते।

जीवन कठिनाइयों से भरा है लेकिन इन कठिनाइयों को विभिन्न तरीकों से देखा जा सकता है। आप देखते हैं जो चीज हानि पहुँचाती है वे हमारे जीवन को अवरुध कर देती है या उसे हम अपने जीवन के अवसर के रूप में देखते हैं। आप के समक्ष विकल्प खुला है यह मेरे लिए, मेरे परिवार और देश के लिए एक विनाश का पथ या कठिनाईयों में विजय हासिल करने का पथ हो सकता है।

मेरे युवा मित्रो, हम स्वर्ग में नहीं रहते, हम दुनिया में रहते हैं और दुनिया मुश्किलों से भरी है और न केवल अवसर लेकिन कभी-कभी निमंत्रण भी हमें बुराई के रास्ते पर ले चलते हैं। लेकिन एक चीज जिसे हम सभी ने पाया है और वह बड़ा है, चुनाव की शक्ति। आप कौन-सा मार्ग चुनना चाहेगे? इन दोनों में से किसे मैं चाहता हूँ? कठिनाई और विभाजन के मार्ग का चुनाव करना या अवसर के मार्ग का चुनाव करना, अवसर जिससे की मैं अपने ऊपर और अपनी मुश्किलों के ऊपर विजय पा सकूँ। कुछ दूसरी मुसीबतें हैं जिसका जिक्र आप ने किया है जो कि वास्ताव में  हमारे लिए असल चुनौती है और इसके पहले मेरा एक प्रश्न है, क्या आप मुश्किलों में विजय पाने की चाह रखते हैं?  

आप एक एथेलिट के समान हैं जो यहाँ आता है और उस स्त्री और पूरूष के समान जो टिकट बिक्री करते हैं और पैसा को अपनी जेबों में रख लेते हैं। आप को यह चुनाव करना है। लिनेट और मानुवेल ने आदिवासीवाद को चुनौती दी है जो आप को नष्ट कर सकता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि आप के हाथ पीछे की ओर छुपे हो और आप के हाथों से पत्थर फेंकने को कहा जा रहा हो। आदिवासीवाद केवल कान, हाथ और आपके हृदय से बना जा सकता है। आप की संस्कृति क्या है, आप ऐसा क्यों हैं? आप के चचेरे भाई बहनों के रिवाज ऐसे क्यों है? वे क्यों अपने में छोटा और बड़ा का अनुभव करते हैं? जब आप अपने कानों से उत्तर को सुनते हैं तो यह आप के हृदय में उतरता और हाथों में आ जाता है। यदि आप एक दूसरे से वार्ता नहीं करते और एक दूसरे की नहीं सुनते तो आप धुल गर्द, कीड़े की भाँति बन जाते जो समाज में पनपता है।

कल हमें ने प्रार्थना और पापस्वीकार का दिन घोषित किया था। मैं आप सब को निमंत्रण देता हूँ कि आप यहाँ आकर अपने हाथ के हाथ मिलायें। आएये हम एक दूसरे का हाथ पकड़ कर आदिवासीवाद के विरूद्ध अपनी एकता का परिचय दें। हम एक देश के समान हैं।

आदिवासीवाद हमारे हाथों के मिलान मात्र से नहीं वरन् यह हमारी चाह की अभिव्यक्ति है इसे हमें अपने प्रतिदिन के कामों में दिखाने की आवश्यकता है और इसे हमें रोज दिन प्रयास करना है। यह हमारे कानों का काम है जिससे हम दूसरों को सुनते हैं। यह हमारे हृदय को दूसरों के लिए खोलना है और यह हमारे हाथों को काम है जिसे हमें दूसरों को देना है।








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