2015-11-26 14:57:00

अंतरधार्मिक वार्ता एवं ख्रीस्तीय एकता वर्धक संवाद के प्रतिनिधियों से संत पापा ने कहा


नाइरोबी, बृहस्पतिवार, 26 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने केनिया की प्रेरितिक यात्रा में विभिन्न समुदायों से मुलाकात करने के कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए नाइरोबी के अपोस्तोलिक राजदूत भवन में ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता एवं अंतरधार्मिक संवाद के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर, संदेश में कहा कि यह समुदाय समझदारी एवं मित्रता की सेवा है। उन्होंने कहा कि वे इसे सुदृढ़ कहना चाहते हैं जो ईश्वर के प्रेम एवं मुक्ति की सार्वभौमिकता पर दृढ़ विश्वास द्वारा उत्पन्न होता है।

काथलिक, एंगलिकन, एवंजेलिकल, मेथोडिस्ट पेंतेकोस्त, अफ्रीकी इंगलैड कलीसिया तथा जीववादी एवं मुसलमान समुदाय और साथ ही 7 सिविल प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर संत पापा ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ″मैं आज प्रातः आपकी उपस्थिति तथा आपके साथ विचार विमर्श करने के इस अवसर के लिए कृतज्ञ हूँ।″  

उन्होंने आशा जतायी कि मुलाकात का यह अवसर कलीसिया तथा अन्य सभी धर्मानुयायियों के बीच मित्रता के रिश्ते को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण चिन्ह बनेगा।

संत पापा ने धार्मिक समुदायों के बीच संबंधों का औचित्य बतलाते हुए कहा कि संबंध चुनौती पूर्ण होता है किन्तु ख्रीस्तीय एकता वर्धक एवं अंतरधार्मिक वार्ता निरार्थक नहीं हैं। संघर्ष एवं विभाजन से घायल इस संसार में उनकी एक विशेष मांग है। यह हमारे लिए ज्ञान, विवेक और एकजुटता का स्रोत है अतः जिस समाज में हम रहते हैं यह उसे समृद्ध बनाता है।

उन्होंने कहा कि हमारे मन और दिल को सच्चाई एवं धार्मिक परम्पराओं के मूल्यों में विकसित कर, समुदायों में आध्यात्मिक विकास द्वारा हम समाज के लिए वरदान बनते हैं। संत पापा ने अंतरधार्मिक वार्ता की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता की ओर बढ़ते इस विश्व में धार्मिक समझदारी, मित्रता तथा ईश्वर प्रदत्त मानव प्रतिष्ठा की रक्षा हेतु सहयोग के लिए अंतरधार्मिक वार्ता की बड़ी आवश्यकता है।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर शांति का ईश्वर है जिनकी हम सभी सेवा करते हैं। अतः उनका पवित्र नाम कभी भी घृणा और हिंसा को उचित ठहराने के लिए नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह कितना महत्वपूर्ण है कि हम शांति के नबी बनें क्योंकि एक शांति निर्माता लोगों को शांति, सौहार्द तथा आपसी सम्मान से जीने का निमंत्रण देता है। उन्होंने हिंसा के कार्यों में संलग्न लोगों के लिए प्रार्थना की ताकि ईश्वर उनका हृदय परिवर्तन करे तथा सभी परिवारों एवं समुदायों में शांति प्रदान करें। सभी लोग एक दूसरे को भाई बहन की तरह देख सकें तथा विविधताओं के बावजूद शांति से एकता के सूत्र में बंधे रहें।








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