2015-11-19 15:00:00

येसु ऐसी दुनिया के लिए रोते हैं जो शांति को नहीं समझता


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 19 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): “दुनिया में आज युद्ध की स्थिति है जिसका कोई औचित्य नहीं है। शांति के रास्ते का बहिष्कार करने का अर्थ है कि ईश्वर रो रहे हैं।” यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में यूखरिस्त बलिदान अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उन्होंने कहा कि “येसु रोये”। “निकट पहुँचने पर ईसा ने शहर को देखा। वे उस पर रो पड़े और बोले, हाय कितना अच्छा होता यदि तू भी इस शुभ दिन यह समझ पाता कि किन बातों में तेरी शांति है, परन्तु वे बातें तेरी आँखों से छिपी हैं।” 

संत पापा ने कहा, आज येसु रोते हैं क्योंकि हम युद्ध के रास्ते को पसंद कर रहे हैं, घृणा एवं शत्रुता के रास्ते पर चलना चाहते हैं। हम ख्रीस्त जयन्ती के करीब हैं जिसमें जगमगाती बतियाँ जलेंगी और पार्टियाँ मनायी जायेंगी, क्रिसमस ट्री एवं चरनी सजायी जायेंगी किन्तु दुनिया युद्ध की तैयारियाँ कर रहा है वह शांति के रास्ते को नहीं समझता है।”

संत पापा ने युद्ध के कारणों का खुलासा करते हुए कहा कि यह तस्करों के पॉकेट को भरने का तरीका है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध से क्या मिला- विनाश, हज़ारों बच्चे शिक्षा से वंचित हो गये तथा कई निर्दोष लोगों की जानें चली गयीं जबकि हथियारों के व्यापारियों के पॉकेट में बहुत अधिक पैसे जमा हुए। येसु कहते हैं, तुम धन और ईश्वर दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकते। युद्ध धनियों का जबरजस्त चयन है। येसु धनियों को दुर्भाग्यपूर्ण बतलाते हैं किन्तु शांति निर्माताओं को धन्य घोषित करते हैं अतः जो युद्ध को समर्थन देते हैं अपराधी हैं। संत पापा ने कहा कि आज चारों ओर युद्ध की स्थिति है जिसका कोई औचित्य नहीं जिसके लिए येसु रो रहे हैं। 

दुनिया अपने अपराध के कारण रो रही है। संत पापा ने कहा कि हथियारों के व्यापारी अपना काम करते जा रहे हैं किन्तु बेचारे शांति निर्माता कितने लोगों की मदद कर सकते हैं।

संत पापा ने दुखित हृदय से कहा कि हम आँसू की कृपा के लिए प्रार्थना करें, इस संसार के लिए जो शांति के रास्ते को नहीं पहचानता और युद्ध के लिए जीता है। संत पापा ने मन परिवर्तन हेतु प्रार्थना करने की सलाह दी। 








All the contents on this site are copyrighted ©.