2015-11-10 15:51:00

प्रातो में संत पापा ने श्रम जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात की


प्रातो, मंगलवार, 10 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 10 नवम्बर को, फ्लोरेंस एवं प्रातो में अपनी एक दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर प्रातो स्थित महागिरजाघर के प्राँगण में श्रमिकों एवं श्रमिक जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

उन्होंने कहा, ″सभी समुदायों का जीवन भ्रष्टाचार के कैंसर से संघर्ष करने की मांग करता है। मानव एवं श्रम शोषण के कैंसर  तथा अवैधता  की जहर से लड़ने की मांग करता है।″

श्रमिकों एवं श्रमिक जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के पूर्व संत पापा ने प्रातो के मुख्य महागिरजाघर में "मरियम के कमरबंद" को श्रद्धांजलि अर्पित की जिसके बारे में लोगों का विश्वास है कि माता मरियम के स्वर्गोत्थान के समय यह ऊपर से गिरा था।

इस पवित्र अवशेष पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ″ऐतिहासिक रूप से समृद्ध एवं सौंदर्य पूर्ण इस शहर को ‘मरियम के शहर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहाँ माता मरियम के ‘पवित्र कमरबंध’ का अवशेष है।

कृपा के इस चिन्ह से मुझे कई प्रेरणाएँ मिलती हैं पहला, इस्राएलियों को मिश्र की गुलामी से प्रतिज्ञात देश की ओर, मुक्ति के रास्ते पर आगे ले चलना। उन्हें दासता से मुक्त करने के पूर्व प्रभु ने उन्हें पास्का भोज करने का आदेश दिया तथा कहा, ‘कमर कस कर हाथ में डंडा लिये खाओ।’ कमर कसने का अर्थ है यात्रा के लिए तैयार होकर। यात्रा शुरू करने के लिए तैयार।

संत पापा ने कहा कि आज भी प्रभु हमें कहते हैं, अपनी उदासीनता में बंद न रहें किन्तु अपने आप को उदार बनायें। हम यह अनुभव कर सकें कि हम बुलाये जा रहे हैं अतः किसी व्यक्ति तक पहुँचने के लिए तैयार रहें। प्रभु से मुलाकात करने के आनन्द को बांटें। इस कार्य में जोखिम उठाना पड़ सकता है किन्तु बिना जोखिम के विश्वास का अस्तित्व नहीं है। वह विश्वास जो केवल अपने लिए सोचता तथा अपने में बंद रहता है वह प्रभु के प्रति विश्वस्त नहीं है। सच्चा विश्वास लोगों के बीच आने एवं बिना भय उनके साथ शामिल होने के लिए निमंत्रण देता है।  

संत पापा ने कहा कि पवित्र कमरबंध, शिष्यों के साथ पास्का भोज करते समय येसु द्वारा चेलों के पैर धोने हेतु अपने कमर में डाले गये अंगोछे का भी प्रतीक है। इस कार्य द्वारा ईश्वर जो हमारे निकट पड़ोसी बन गये उन्होंने सेवा करने का उदाहरण प्रस्तुत किया। संत पापा ने लोगों को समुदाय निर्माण करने हेतु उनके पहल के लिए धन्यवाद दिया तथा कहा कि उदासीनता एवं फेंकने की संस्कृति के विपरीत उन्होंने सभी लोगों को अपने साथ शामिल करने का प्रयास किया। अनाथों को अपनाया है जो समावेशी भावना का अच्छा उदाहरण है। संत पापा ने उन्हें समस्याओं का सामना करने में निराश नहीं होने का प्रोत्साहन दिया।

संत पापा ने संत पौलुस की बातों का स्मरण दिलाते हुए कहा, ″आप सत्य का कमरबन्द कस कर धार्मिकता का कवच धारण करें।″(एफे.6:14) उन्होंने कहा कि हमें सत्य को कमरबन्द की तरह धारण कर लेना चाहिए क्योंकि दूसरों के विरूद्ध षडयंत्र अथवा पारदर्शिता के अभाव में किसी चीज का निर्माण नहीं कर सकते। 

संत पापा ने सभी युवाओं को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे निराशावाद को स्थान न दें। माता मरियम प्रार्थना एवं स्नेह द्वारा मौन कार्यकर्ता हैं। जीवन की परिस्थितियों से यदि थकान महसूस करते हों तो माता मरियम पर भरोसा रखें जो हमारे करीब रहती एवं हमें सांत्वना प्रदान करती है।








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