2015-11-04 15:53:00

नस्ली भेदभाव और विद्वेष मानव गरिमा के लिए एक गंभीर अपमान


न्यूयॉर्क,  बुधवार, 4 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): अमरीका के लिए वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत एवं स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष बेर्नादेतो औज़ा ने अमरीका में महासभा के 70 वें सत्र की तीसरी समिति को सम्बोधित कर कहा कि विद्वेष और धार्मिक असहिष्णुता विशेष रूप से प्रासंगिक और गंभीरता से विचार किये जाने के योग्य है।

महासभा की विषयवस्तु है ″नस्लवाद तथा  नस्लीय भेदभाव का उन्मूलन।″

उन्होंने कहा, ″नस्लवाद, नस्ली भेदभाव और विद्वेष मानव गरिमा के लिए एक गंभीर अपमान है तथा मानव अधिकार को प्रोत्साहन देने हेतु स्थापित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्पण के लिए अक्षम्य बाधा।″ उन्होंने कहा कि मानव प्रतिष्ठा किसी राज्य अथवा मानवीय नियम प्रदत्त नहीं है और न ही किसी सामाजिक या आर्थिक स्थिति के अधीन है। यह किसी जाति, लिंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल, धर्म अथवा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का अंतर किये बिना हर इंसान में निहित है।

उन्होंने महासभा के अध्यक्ष को सम्बोधित कर कहा कि संघर्ष एवं अत्याचार के कारण हाल के दिनों में 60 मिलियन से अधिक शरणार्थी एवं विस्थापित लोग शरण की तलाश कर रहे हैं। विगत पाँच वर्षों में 15 नये संघर्षों की शुरूआत हुई है सबसे भयावह बात यह है कि कई देशों में चल रहे संघर्ष रुकने का नाम ही नहीं ले रही है जिसने बहुत सारे लोगों को अपने घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर कर दिया है।

उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन डी. सी. में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान संत पापा ने शरणार्थियों एवं विस्थापितों का स्वागत करने की अपील की थी, ″द्वार खटखटाने वालों से हमें उनकी संख्या देख कर नहीं घबराना चाहिए बल्कि उन्हें एक व्यक्ति के रूप में स्वीकार करते हुए तथा उनके दुखों को सुनते हुए उनकी परिस्थिति के अनुसार उचित प्रत्युत्तर देना चाहिए।″  उन्होंने कहा कि अत्याचार एवं जटिलता के संकट में पड़े लोगों की सेवा से पीछे हटने के प्रलोभन से हमें बचना चाहिए बल्कि दूसरों को अपने जीवन के लिए भय का कारण मानकर अंतर्मुखी बनने के प्रलोभन से लड़ना चाहिए। हम जो संकट झेल रहे हैं उसे अधिक न्यायिक एवं भाईचारा पूर्ण विश्व निर्माण के लिए अवसर बनाना चाहिए।

महाधर्माध्यक्ष औज़ा ने सभी धर्मानुयायियों से अपील की कि वे एक दूसरे का सम्मान करें तथा वार्ता के लिए खुले हों एवं आपसी समझदारी और प्रशंसा को बढ़ावा दें।

उन्होंने कहा कि शांति, वास्तविक बहुलवाद और मानवता की भलाई हेतु समर्पित विश्व में नस्लीय भेदभाव, विद्वेष और असहिष्णुता का कोई स्थान नहीं है।








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