2015-10-31 16:50:00

जीवन, स्वतंत्रता एवं सुरक्षा का अधिकार सभी को


न्यूयॉक, शनिवार, 31 अक्टूबर 2015 (वीआर सेदोक): ″सभी को जीवन, स्वतंत्रता एवं व्यक्ति की सुरक्षा का अधिकार है।″ उक्त बात मानव अधिकार की रक्षा एवं प्रोत्साहन विषय पर संयुक्त राष्ट्रसंघ में तीसरी समिति की महासभा के 70 वें सत्र में, अमरीका में वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल बेरनादेतो औज़ा ने सभा को सम्बोधित कर कही।

उन्होंने कहा कि 25 सितम्बर को आमदर्शन समारोह में संत पापा फ्राँसिस ने हमें स्मरण दिलाया था कि मानव के समग्र विकास का आधार ‘जीवन के अधिकार’ पर निर्भर है।

कार्डिनल औज़ा ने कहा कि इस बात से अवगत होते हुए भी ″विश्व में मानव अधिकार के इस आधार को चुनौतियों, उपेक्षाओं तथा तिरस्कारों से होकर गुजरना पड़ रहा है जिसके कारण समाज के सबसे कमजोर वर्ग, बुजुर्ग, विकलांग, युद्ध एवं हिंसा के शिकार, विस्थापित, शरणार्थी, मानव तस्करी एवं यौन शोषण की शिकार महिलाएँ एवं बालाएं और भोजन के अधिकार से वंचित अत्यन्त ग़रीब लोग हमारा अह्वान कर रहे हैं कि हम जीवन के अधिकार को प्रोत्साहन देने के प्रति अपने समर्पण को नवीकृत करें।″

उन्होंने कहा कि जीवन की सुरक्षा पर नवीकृत मानव अधिकार तंत्र एक ऐसे समाज की मांग करता है जो लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम हो। अधिकार की नयी परिभाषा एवं श्रेणी को महत्व देने हेतु अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार तंत्र सार्वभौमिक और मौलिक मानवाधिकारों को कम न करे।

सामाजिक एवं मानवीय अधिकार की चयनात्मक प्राथमिकता बहुधा हमारी चर्चाओं को धूमिल कर देती है जिसके कारण सभा का खर्च वहन करने वाली जनता का आधारभूत मानव अधिकार कुचला जाता है।

कार्डिनल औज़ा ने अध्यक्ष महोदय से अपील की कि इस समस्या पर विशेष ध्यान देते हुए मौलिक मानव अधिकार की रक्षा एवं प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के प्रति अपने प्रयास को सुदृढ़ करे।








All the contents on this site are copyrighted ©.