2015-10-29 15:57:00

विश्वास से चुनौतियों का सामना, युवा संचालक


मलेशिया, बृहस्पतिवार, 29 अक्तूबर 2015, (ऊका न्यज) “हमारे युवा ईश्वर के वरदान हैं और उनके लिए हम ईश्वर का धन्यवाद देते हैं।” उक्त बातें मलेशिया में एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के तत्वधान में आयोजित एक युवा सम्मेलन के दौरान युवा प्रेरितिक कार्य में संलग्न संचालकों ने कही।

एशिया के विभिन्न देशों से भाग ले रहे 95 प्रतिनिधियों ने अपने रिपोर्ट में कहा कि एशिया के काथलिक युवा वर्तमान की विषम परिस्थिति में भी अपने जीवन के द्वारा सुसमाचार का संदेश प्रसारित कर रहे हैं जिससे कि नैतिक सापेक्षवाद, गरीबी और धर्म के कारण ऊँच-नीच जैसे बुराइयों का सामना किया जा सके। युवाओं के साथ कार्यरत संचालकों ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि कलीसिया द्वारा युवाओं के लिये किये जा रहे कार्य फलदायक सिद्ध हो रहे हैं।

वर्तमान परिवेश में युवा जीवन का अर्थ, इसकी सच्चाई और अपनी पहचान जैसे मुद्दों को लेकर अपने में उलझे हुये हैं। नयी तकनीकियों और संचार माध्यमों के आधिपत्य  के कारण उन्हें सही दिशा निर्देश की आवश्यकता है जिससे वे आत्मा सम्मान में बढ़ सकें।

वार्ता के तहत एक बात उभर कर सामने आई कि युवा जो जीविका की खोज हेतु एशिया के विभिन्न देशों में पलायन कर रहे हैं उन्हें देह व्यापार, अवैध परिस्थितियों एवं बलात पूर्ण कार्य का शिकार होना पड़ता है।

युवाओ के साथ काम करने हेतु इस बात पर जोर दिया गया कि संचालकों को युवावर्ग से प्रेम और सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता है, विशेष कर, उनके प्रति जो समाज में तिरस्कृत और दबे हैं। उनसे हमारी सच्ची मित्रता का प्रयास, उन्हें खुले मन से सुनने हेतु धैर्य, उनके प्रति हमारी रूचि और उनका सम्मान हमें युवा प्रेरिताई कार्य में सफल बनायेगा।








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