भारत, मंगलवार, 27 अक्तूबर 2015 (ऊकान): विश्वभर के काथलिक धर्माध्यक्षों ने पेरिस के शिखर सम्मेलन में, निष्पक्ष, कानूनी रूप से बाध्यकारी तथा वास्तविक परिवर्तनकारी जलवायु समझौते पर सरकारी नेताओं से एक अपील पत्र पर हस्ताक्षर किया।
मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने कहा, ″अपील, संत पापा फ्राँसिस के पर्यावरण पर विश्व पत्र का प्रत्युत्तर है, समस्त मानव जाति तथा विश्वव्यापी कलीसिया इस बात से चिंतित हैं कि जब तक हम सावधान नहीं करेंगे तथा विवेक से काम नहीं लेंगे तो हम विनाश को निमंत्रण दे रहे हैं।″
विदित हो कि 30 नवम्बर से 11 दिसम्बर तक पेरिस में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर एक सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसकी तैयारी के तहत यह अपील वार्ताकारों से की गयी है। धर्माध्यक्षों ने साहसिक, विचारशील राजनीतिक नेतृत्व तथा स्पष्ट सीमा का निर्माण करने वाला कानूनी ढाँचा एवं पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने की माँग की है।
काथलिक धर्माध्यक्षों ने सरकारों से मांग की है कि वे जलवायु परिवर्तन के नैतिक आयाम को पहचानें। वे यह समझे कि जलवायु तथा वातावरण सार्वजनिक वस्तुएँ हैं तथा वे सभी के लिए हैं अतः वैश्विक तापमान को बढ़ने से रोकने, विकास के नये मॉडल को प्रोत्साहन देने तथा जलवायु संगत जीवन शैली को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
अपील में यह मांग की गयी है कि लाभ की अपेक्षा व्यक्ति को महत्व दिया जाए जिसमें निर्णय लेते समय गरीबों का भी ख्याल किया जाए, लोगों के लिए जल तथा भूमि आपूर्ति की रक्षा हो खासकर, अल्पसंख्यक समुदायों की तथा जो जीविका उपार्जन हेतु विस्थापित हैं।
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