2015-10-27 15:35:00

एकता स्थापित करने हेतु अथक प्रयास करते रहें


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 27 अक्टूबर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 26 अक्टूबर को विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में भाग ले रहे खलदेई कलीसिया के धर्माध्यक्षों से मुलाकात कर उन्हें स्मरण दिलाया कि अधिकार केवल सेवा तथा क्रूस से आता है।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों को कलीसिया में अधिकारों के प्रयोग की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘एक साथ यात्रा करना’ कहना आसान है किन्तु इसे व्यवहार में उतारना कठिन।

उन्होंने कहा कि वे भले चरवाहे के आदर्श को हमेशा अपने सामने रखें तथा उनका अनुसरण करें जो अपनी रेवड़ की मुक्ति हेतु चिंता करता है।

संत पापा ने आतंकवाद के कारण उनकी दुःखद परिस्थिति के प्रति दुःख प्रकट करते हुए कहा कि यह मानव निर्मित दुःख है, ″जिसके कारण विश्वासियों को भयंकर रक्तपात का सामना करना तथा अपने मातृभूमि छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।″

व्यर्थ के इस कार्य द्वारा पिता अब्रहम की यात्रा का साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले उस देश में ख्रीस्तीयों की उपस्थिति को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। यह वही देश है जहाँ नबियों ने भविष्यवाणी द्वारा निर्वासित ईस्राएलियों को आशा का संदेश दिया था तथा जहाँ कई शहीदों के खून से कलीसिया के प्रथम गिरजाघरों की नींव डाली गयी थी।

ऐसी संकटपूर्ण परिस्थिति में, जब ख्रीस्तीय हिंसा के कारण विस्थापित हो चुके हैं, संत पापा ने समस्त खलदेई कलीसिया के सार्वजनिक भलाई हेतु उसके प्रति अपने पूर्ण समर्थन एवं सौहार्द की भावना का आश्वासन दिया।

संत पापा ने सभी धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन दिया कि ईराक के सभी प्रांतों में वे एकता स्थापित करने हेतु अथक प्रयास करते रहें, वार्ता को प्रोत्साहन दें तथा उन लोगों का सहयोग करें जो सार्वजनिक जीवन से जुड़े हैं। 

उन्होंने समस्त अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि युद्ध पीड़ित देशों में वे शांति के बीज बोयें जिससे कि जीवनदायक प्रेम के सेतु का एहसास उन स्थानों में किया जा सके जो मानव, संस्कृति तथा राष्ट्रों के लिए हमेशा चौराहों के समान रहे हैं।








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