2015-10-26 17:20:00

हम किसी को “काला या सफेद” की संज्ञा नहीं दे सकते


वाटिकन सिटी, सोमवार, 26 अक्तूबर 2015, (सेदोक) परिवार विषय पर चल रहे धर्मसभा के अन्तिम संक्षेपण सत्र में वाटिकन प्रवक्ता फादर फेद्रिको लोमबरदी ने ब्राजील के कार्डिनल रायमुन्डो दामासेनो, ऑस्टियान कार्डिनल सेकोनबोर्न और लिटिल ब्रदर ऑफ जीजस् के प्रधानाधिकारी ह्भेर जोनसन के आतिथ्य में संचार माध्यमों के समक्ष शनिवार को संक्षिप्त विवरण पेश करते हुए कहा कि धर्मसभा दस्तावेज इन्सरत्रुमेन्तुम लाबोरिस के 174 मुद्दों में से अन्तिम दस्तावेज हेतु मात्र 94 मुद्दे रह गये।

कार्डिनल दामासेनो ने कहा कि धर्मसभा का मुख्य आकर्षण कार्य विधि प्रक्रिया रही। इस तरह सभी प्रतिनिधियों को छोटे समुदायों में अपने-अपने विचारों को रखने हेतु पर्याप्त समय दिया गया और हमारी सहभागिता को स्थान दिया गया जहाँ हमने परिवार में ईश्वरीय योजना को जाने और खोजने का प्रयास किया।

कार्डिनल सेकोनबोर्न ने कहा कि नई प्रक्रिया धर्मसभा की सबसे बड़ी ताकत रही जो 50 वर्षों में धर्मसभा के विकास को दिखलाता है। उन्होंने कहा अंतिम दस्तावेज हमारी आपसी सहमति का फल रहा।

ब्रदर जोनसन ने कहा कि कलीसिया का बुलावा अपने आप से बाहर निकलकर उन विश्वासियों और परिवारों के साथ-साथ चलना है जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

कार्डिनल सेकोनबोर्न ने कहा कि कठिन परिस्थिति में परिवार से अच्छा और सुरक्षित कड़ी दुनिया में कुछ भी नहीं है यद्यपि हमारे परिवार टूटे और बिखरे हैं। “यह हमें यही दिखाता है की परिवार कोई घिसा-पिटा आदर्श नहीं हैं बल्कि समाज की आधारभूत शिला है।” परिवार के प्रति कलीसिया की समझ है कि परिवार में स्त्री पुरूष एक साथ जीवन जीना विश्वास में एक दूसरे के प्रति खुलेपन को दिखलाता है।

तलाकशुदा और पुर्नविवाहितों का कलीसिया में संस्कार ग्रहण करने की स्वीकृति पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया गया लेकिन मुख्य वाक्य “आत्म- परीक्षण” है। इसके अलग-अलग मुद्दें हैं अतः हम किसी को “काला या सफेद” की संज्ञा नहीं दे सकते।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को समलैंगिकता विषय पर निराशा हुई क्योंकि इस विषय वस्तु पर केवल इतनी ही चर्चा की गई की परिवार में उनके साथ कैसे व्यवहार किया जाये। जहाँ इसकी आवश्यकता है वहाँ इसके विषय में और चर्चा की जायेगी लेकिन काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा सब का सम्मान करने को कहती है।

कार्डिनल दमासेनो ने कहा कि कलीसिया उन परिवारों के समीप रहना चाहती है जो अत्यन्त गरीब हैं, बच्चें जो सड़को में रहते और वे जिनका तलाक हो गया है। करुणा का विषय वस्तु धर्मसभा के दस्तावेज का सार है अतः कलीसिया सब को अपने कलीसियाई परिवार का अंग बनना चाहती है।

 कलीसिया के विकेन्द्रीकरण पर कार्डिनल सेकोनबोर्न से कहा कि इस सवाल की चर्चा धर्मसभा में कई बार हुई। कलीसिया लम्बे समय से इसका अभ्यास कर रही है हमें इस केन्द्रीकरण और विकेन्द्रीकरण विषय पर संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है।

संक्षेपण सत्र के अंत में कार्डिनल सेकोनबोर्न ने संचार माध्यमों को बतलाया कि दस्तावेज पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को वहन करने की चर्चा करता है उन्होंने उन परिस्थितियों से अवगत कराया जहाँ अर्थव्यवस्था और राजनीतिक कारणों से पारिवारिक जीवन में समस्याएँ आ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रोजगार में व्यस्तता परिवार में मुश्किल और समस्याएँ उत्पन्न कर रहीं हैं।  








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