2015-10-24 17:27:00

परिवार पर सिनॉड में धर्माचारियों की आशा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 24 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): परिवार पर विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के समापन की दिशा में बढ़ते हुए सिनॉड के प्रतिभागियों ने शुक्रवार 23 अक्टूबर को, दस्तावेज पर अंतिम रूप देने हेतु अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कीं जिसपर धर्माध्यक्षों द्वारा शनिवार को वोट डाला जाएगा।

प्रेस सम्मेलन में वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी के साथ घाना से कार्डिनल पीटर टर्कसन, कनाडा के कार्डिनल जेराल्ड सिप्रियन लाक्रोइक्स तथा बेलजियम के महाधर्माध्यक्ष लुकस वॉन लुई ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा तीन सप्ताह तक चली विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के परिणाम पर आशा जातायी।

कार्डिनल टर्कसन ने कहा कि प्रारूपन समिति के लिए ये समय ‘लम्बे दिन तथा निद्रा रहित रातों’ की रही। उन्होंने बतलाया कि सिनॉड ने छोटे दलों में विभक्त होकर जो प्रस्ताव प्रस्तुत किया था उन प्रस्तावों को 1,350 प्रस्तावों में एकीकृत किया गया है जिनपर शुक्रवार को सिनॉड हॉल में करीब 50 प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की गयीं।

कार्डिनल लाक्रोइक्स ने कहा कि सिनॉड के दस्तावेज़ का अंतिम रूप विधि निर्माण संबंधी दस्तावेज नहीं है अतः इसपर कलीसिया के नेताओं की एकात्मक चिंतन की आवश्यकता नहीं है जबकि इसके विपरीत जटिल मुद्दों पर विचारों में भिन्नता स्वस्थ चिंतन का सूचक है।

उन्होंने गौर किया कि सभा के शुरू से अंत तक तलाकशुदा एवं पुनर्विवाहितों को कलीसियाई जीवन से जोड़ने हेतु किस तरह मदद किया जाए तथा समलैंगिकों के साथ किस तरह का व्यवहार अपनाया जाए इन्हीं विषयों पर चिंतन जारी रहे जिसपर कुछ धर्माचार्यों के अनुसार सभा में पर्याप्त विचार नहीं किया जा सका।

कार्डिनल टर्कसन ने जानकारी दी कि छोटे दलों में कार्डिनलों ने अपनी कलीसिया के ऐसे सदस्यों के बारे बतलाया जो समलैंगिक हैं। उन्होंने कहा कि घाना के एक अन्य प्रतिभागी ने पत्रकारों को बतलाया कि इस मामले में अफ्रीका का मनोभाव दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा अधिक तेजी से बदल रहा है।

प्रेस ब्रीफिंग में तीनों प्रतिभागियों ने सिनॉड को महत्वपूर्ण बतलाया।

महाधर्माध्यक्ष वॉन लुई ने सिनॉड को कोमलता की संज्ञा दी तथा कहा कि यह कलीसिया को एक नया मनोभाव प्रदान करेगा जो कलीसिया को न्याय करने की भावना से ऊपर उठ कर लोगों के साथ चलने हेतु प्रेरित करेगा। परिवारों को समर्थन देने के संबंध में कार्डिनल लाक्रोइक्स ने कहा कि कलीसिया को उन परिवारों का विशेष ख्याल रखना चाहिए जो संघर्ष तथा आवश्यकता के समय ईश्वरीय कृपा की खोज करते हैं।








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