2015-10-23 13:40:00

मृत लोगों का हिसाब रखते समय घायलों की दुर्दशा को अव्यक्त न रखें


न्यूयॉर्क, शुक्रवार 23 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): अमरीका में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक कार्डिनल बेर्नादेत्तो औज़ा ने न्यूयॉर्क में ″मध्यपूर्व की स्थिति″ पर संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा संचालित वाद-विवाद में व्याख्यान देते हुए कहा कि जब हम मृत लोगों का हिसाब रखते हैं तो हमें घायलों, विस्थापितों तथा शरणार्थियों की दुर्दशा को अव्यक्त नहीं रखना चाहिए जो हमेशा डर तथा जोखिम के साये में रहते हैं।

उन्होंने कहा कि जब लोग मध्यपूर्व में चल रही मूर्खतापूर्ण हिंसा से भागने का प्रयास करते हैं तब वे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून की सबसे प्राथमिक शर्तों तथा मानवता से उपेक्षित होते हैं। समाचार पत्रों में विस्थापितों एवं शरणार्थियों की कितनी खबरें मिलती हैं किन्तु कई बार उन्हें स्वीकृति नहीं मिल पाती है। उन्होंने बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, विकलांगों की चिंता करते हुए कहा कि इस परिस्थिति में उनकी क्या स्थिति होती होगी।

उन्होंने उन ख्रीस्तीयों तथा अन्य अल्पसंख्यकों की दुःखद परिस्थिति की ओर अंतर्राष्ट्रीय समुदायों का ध्यान आकर्षित कराया जिसमें लोग आतंकवाद के चंगुल में फंसे हैं विशेषकर, वे लोग जो फिरौती के लिए कैद किये गये हैं अथवा बंदी बना लिए गये हैं। महाधर्माध्यक्ष ने उस क्षेत्र में मानवता की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत के महा विनाश की ओर भी लोगों का ध्यान खींचा।

महाधर्माध्यक्ष औज़ा ने 25 सितम्बर को सिनॉड में संत पापा फ्राँसिस के अपील का स्मरण किया जिसमें उन्होंने मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका तथा अन्य अफ्रीकी देशों में शांति स्थापना हेतु प्रार्थना करने का आग्रह किया था।

महाधर्माध्यक्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह संघर्षरत क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता स्थापित करने का प्रयास करे तथा उनके लिए आवश्यक आर्थिक संसाधनों को उपलब्ध कराये। अपने वक्तव्य में उन्होंने शरणार्थियों तथा विस्थापितों की बड़ी संख्या का स्वागत करने वाले लेबनान की मदद किये जाने का भी जिक्र किया।

अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने संत पापा की बातों को दोहराते हुए कहा, ″मानव प्रतिष्ठा की सबसे मौलिक समझ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात के लिए दबाव डालती है कि वह जातिगत तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों पर योजनाबद्ध हिंसा को रोकने का उपाय करे, खासकर, अंतरराष्ट्रीय नियमों तथा क़ानूनों द्वारा निर्दोष लोगों की रक्षा करे।″








All the contents on this site are copyrighted ©.