2015-10-23 14:53:00

गोद लेने की प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा


दिल्ली, शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015, (ऊकान्यूज) गोद लेने के नये दिशा निर्देश और विचारों में भिन्नताओं के तहत एकल माता पिता को गोद नहीं लेने देने की प्रकिया ने एक नये वाद-विवाद को जन्म दिया है कि क्या एकल माता पिता बच्चे की देखरेख करने वाली नारी के साथ बच्चे को गोद ले सकते है और बाल कल्याण विकास मंत्रालय निदेशित नियमावली से झुकने को तैयार नहीं है।

एकल अभिभावक द्वारा गोद लेने का प्रावधान पिछले दिशा-निर्देशों में निर्धारित किया गया था, यह कानून बाध्यकारी नहीं था। वर्तमान नियम के तहत प्रत्येक संस्था के लिये यह अनिवार्य हो गया है कि वह गोद लेने के इच्छुक  माता पिता को बच्चे अर्पित करें, भले ही वे एकल पुरुष या महिला ही क्यों न हो।

विदित हो कि धन्य मदर तेरेसा द्वारा स्थापित धर्मसंघ मिशनरीज ऑफ चैरिटी सिस्टरर्स विगत 50 वर्षों से सम्पूर्ण भारत में 18 अनाथालय चलाती हैं, जिनमें गोद लेने की प्रक्रिया तुरन्त रद्द कर दी जायेंगी।

धर्मसमाज की प्रवक्ता सिस्टर सुनिता कुमारी ने कहा, “गोद लेना व्यक्तिगत कार्य है हम एकल माता पिता के विरुद्ध नहीं है। वर्तमान परिस्थिति में वे भी बच्चे की परवरिश अच्छी तरह करते हैं। लेकिन यह नियम हमें मदर द्वारा निर्देशित है जिसके विरुद्ध हम नहीं जा सकते।” 

उन्होंने कहा, “हम अपना काम जारी रखेंगे। हमें खुशी होती है कि हम बच्चों के गोद लेने हेतु तैयार करते है। लेकिन यदि मंत्रालय इसमें परिवर्तन लाना चाहे तो हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं।

सिस्टर सुनिता ने बतलाया कि इस प्रक्रिया के अनुसार अनाथालय के बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया में सरकारी बाल कल्याण समिति मदद करेगी।








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