2015-10-23 14:42:00

14वें दिनी धर्मसभा सत्रों का संक्षिप्त विवरण


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015, (सेदोक) विश्वधर्माध्यक्षीय धर्मसभा संक्षेपण सत्र के दौरान कलीसिया के सबसे युवा ओशेनिया के कार्डिनल सोआने मार्फी, भारत के कार्डिनल ओसवल्ड ग्रेशियस और संयुक्त राज्य अमरीका के महाधर्माध्यक्ष जोस एच. गोमेज के अतिथ्य में वाटिकन प्रवक्ता फा. फ्रेदरिको लोम्बदी ने 14वें दिनी धर्मसभा सत्रों का संक्षिप्त विवरण पेश किया।

कार्डिनल ग्रेशस ने संक्षेपण सभा में कहा कि तलाकशुदा और पुर्नविवाहितों के बारे में और विस्तृत चर्चा की जरूरत है जिसके बारे में शनिवार को एक दस्तावेज संत पापा को प्रस्तुत किया जायेगा।

संक्षेपण के शुरू में वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरिको लोमबारदी से संत पापा के स्वास्थ्य संबंधी सवाल पूछे गये। फा. लोमबारदी ने संत पापा के अच्छे स्वास्थ्य का आश्वासन दिया और तीन धर्माध्यक्षों ने उनका समर्थन किया।

कार्डिनल सोआने ने संचार माध्यमों को बतलाया कि वे पहली बार धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में भाग ले रहे हैं और यह बहुत ही उत्साहवर्धक अनुभव है। उन्होंने कहा कि ओशेनिया एक छोटा सा पृथक द्वीप है लेकिन परिवार सार्वभौम कठिनाइयों से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि विस्तृत परिवार महत्वपूर्ण है लेकिन बहुत से युवा अच्छे जीवन की तलाश में देश छोड़ रहे हैं। उन्होंने व्यक्तिवाद और भौतिकतावाद की कठिनाइयों पर प्रकाश डाला।

महाधर्माध्यक्ष गोमेज के कहा कि धर्माध्यक्षीय धर्मसभा भव्य है, विश्वासियों के असल जीवन की तकलीफों के बारे में सुनना, उन पर वार्ता करते हुए ज्ञानार्जन करना एक अनुभव रहा है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है की कलीसिया विश्वासियों के समक्ष परिवार के प्रेरितिक जीवन को दूसरे परिवारों के लिये जीने हेतु चुनौती प्रस्तुत करती है।

उन्होंने खेद प्रकट किया कि कुछ मुद्दों पर गहन विचार करने को पर्याप्त समय नहीं था, विशेष कर, विस्थापन और विश्व की अर्थव्यवस्था पर। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है की कलीसिया विश्वसियों को जीवन के हर क्षेत्र में विकास करने हेतु मदद करे।

कार्डिनल ग्रेशियस से धर्माध्यक्षीय सभा की प्रकिया और अन्तिम दस्तावेज को लेकर कई सवाल पूछे गये। उन्होंने कहा कि आलेखन समिति ने एकमत हो कर अपने मतों का उपयोग किया है जिससे दस्तावेज की पहली प्रति स्वीकृत हो सके।

दस्तावेज पर विस्तृत सत्र शुक्रवार को सुबह प्रारम्भ होगा जिसके तहत इस पर टिप्पणी के अवसर दिये जायेंगे और तदोपरान्त आवश्यक विषयों पर परिवर्तन किया जायेगा। इसके बाद कार्डिनल और धर्माध्यक्ष दस्तावेज के अन्तिम प्रारूप को सुनेंगे और अनुच्छेद दर अनुच्छेद मतदान डालें जायेंगे और अन्त में सम्पूर्ण दस्तावेज की स्वीकृति पर मतदान होगा और इसके बाद ही दस्तावेज की प्रति संत पापा के सुपुर्द की जायेगी। कार्डिनल ग्रेशियस ने संचार माध्यमों को सचेत करते हुए कहा कि ये दस्तावेज संत पापा के सहायार्ताथ है। यह दुनिया के लिए दस्तावेज का अन्तिम प्ररूप नहीं है।

प्रत्रकारों ने कार्डिनल ग्रेशियस से  कलीसिया विक्रेन्दीकरण पर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि कलीसिया सार्वभौमिक है लेकिन इसका तात्पर्य यह भी है कि इस इकाई की भिन्न-भिन्न परिस्थितियाँ हैं। कलीसिया को परिस्थितियों के अनुरूप कार्य करना है। इस सन्दर्भ में उन्होंने बहुविवाहों का एक उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्षों के उचित शिक्षण के साथ उन्हें ईशशास्त्रियों और कलीसियाई कानूनी सलाहकारों की आवश्यकता है।

उनसे सन् 1980 के परिवार विषय की धर्माध्यक्षीय सभा का जिक्र करते हुए तलाकशुदा और पुर्नविवाहितों को परमप्रसाद ग्रहण करने की अनुमति पर सावल पूछा। कार्डिनल ने कहा कि ऐसे बहुत सारे मुद्दे थे लेकिन परिस्थितियाँ बदल गयी हैं। उन्होंने कहा कि सब के साथ एक समान व्यवहार नहीं किया जा सकता। ईमानदारी पूर्वक कहा जाये तो हमारे पास इन सवालों के जवाब नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमें बाईबल, नीतिविद्या, धर्मसिद्धान्त और रीति-रिवाजों को भी ध्यान में रखना है।

हमारे समक्ष विभिन्न प्रकार के विचार हैं लेकिन हमारे लिये महत्वपूर्ण यह है कि क्या इस समय हम ऐसे जोड़ों को प्रेरितिक मार्ग दर्शन दे सकते हैं।








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