2015-10-22 16:03:00

पारिवारिक जीवन समाज तथा मानव अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 22 अक्टूबर 2015 (वीआर सेदोक): ″मेरी आशा है कि सिनॉड हमें खुले दरवाजों के साथ छोड़ेगा न कि बंद दरवाजों में।″ परिवार पर विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के 14 वें दिन की प्रेस ब्रीफिंग में जर्मनी के कार्डिनल रेइनहार्ड मार्क्स ने यह उम्मीद जतायी।

प्रेस सम्मेलन में कार्डिनल रेइनहार्ड मार्क्स के साथ उरूग्वे के कार्डिनल दानिएल स्टूरला बेरहॉएट तथा आयरलैंड के महाधर्माध्यक्ष एमोन मार्टिन उपस्थित थे।

कार्डिनल बेरहॉएट ने कहा कि यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि कलीसिया नाजुक परिस्थितियों में लोगों का साथ दे।

महाधर्माध्यक्ष मार्टिन ने सिनॉड को एक अनुठा अनुभव बतलाते हुए कहा कि जिस तरह कलीसिया पुरोहिताई एवं धर्मसमाजी बुलाहट में लोगों का साथ देती है उसी तरह विवाह की बुलाहट में भी कलीसिया को लोगों का साथ देना चाहिए। उन्होंने बतलाया कि सिनॉड में दो महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दिया गया, परिवारों के लिए विशेष प्रार्थनाएँ तथा परिवार पर कलीसिया की धर्मशिक्षा को सकारात्मक नजरिया तथा स्पष्ट मार्गदर्शन देने का प्रयास।

कार्डिनल मार्क्स ने बतलाया कि छोटे दल में उन्होंने तलाकशुदा एवं पुनर्विवाहित लोगों के साथ कलीसिया के मेल-मिलाप हेतु रास्ता खोजने के प्रश्न पर चिंतन किया। उन्होंने कहा, ″कई जटिल मामलों पर विचार-मंथन करना तथा सभी के लिए स्वीकार्य एक आम रास्ता निकालना एक कठिन काम था।″ उन्होंने कहा कि पारिवारिक जीवन समाज तथा मानव अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है इस विषय पर कलीसिया ने विश्व भर में विचार करना आरम्भ कर दिया है। कार्डिनल मार्क्स ने बतलाया कि सिनॉड में लिंग तथा महिलाओं के प्रति भेदभाव को दण्डित करने पर भी बहस की गयी।

‘संस्कारों को ग्रहण करने के इच्छुक लोगों की पुकारों को हमें सुनना चाहिए’ इस के संबंध में कार्डिनल बेरहॉर्ट से सवाल पूछे जाने पर कि स्पानी दल क्यों अधिक खुला प्रतीत हुआ, उन्होंने कहा, ″इसका कारण दक्षिण अफ्रीका में उनकी परिस्थिति है। उन्होंने कहा कि वहाँ परिवारों की कई परतें होती हैं जो चीजों को अधिक जटिल बना देती हैं। उदाहरण के लिए, बस्तियों में कई कारणों से युवा माताओं के बच्चों के पिता अलग-अलग होते हैं अतः ऐसे लोगों के साथ सावधानी से पेश आने की आवश्यकता है।

कार्डिनल मार्टिन ने सिनॉड में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक छोटे दल में एक धर्मबहन की भूमिका काफी कृपालुतापूर्ण रही। उन्होंने कहा कि उन्हें दल में थोड़ी निराशा हुई थी किन्तु महिलाओं की उपस्थिति के कारण दल में समृद्ध विचार एवं विविधताएँ देखने को मिली। उन्होंने बतलाया कि महिलाओं ने भी पूर्ण तथा स्पष्ट सहभागिता दिखाई।








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