न्यू यॉर्क, बुधवार, 21 अक्टूबर 2015 (सेदोक): संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक तथा वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष बेरनार्दीतो आऊज़ा ने राष्ट्र संघ और, विशेष रूप से, संयुक्त राष्ट्र संघीय सुरक्षा परिषद की गतिविधियों में पारदर्शिता की मांग की है।
न्यू यॉर्क में, मंगलवार को 20 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ के तौर तरीकों पर आयेजित बैठक में वाटिकन के प्रतिनिधि महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा कि सदस्य राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र संघ में और, विशेष रूप से, सुरक्षा परिषद में समान प्रतिनिधित्व एवं प्रभाव चाहते हैं। उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि सुरक्षा परिषद में केवल कुछ ही राष्ट्रों को सम्पूर्ण विश्व की नियति पर फैसला लेने का अधिकार है जबकि किसी भी फैसले के आने से पूर्व सभी सदस्यों से सलाह मशवरा किया जाना चाहिये।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यह नितान्त आवश्यक है कि सुरक्षा परिषद सदस्य देशों के साथ एक स्वस्थ सम्बन्ध स्थापित करे तथा लिंग एवं भौगेलिक सन्तुलन को ध्यान में रखते हुए निर्णय दे।
सभी अन्तरराष्ट्रीय घोषणा पत्रों एवं समझौतों को न्यायिक तौर पर लागू किये जाने का भी उन्होंने आह्वान किया और कहा कि मौजूदा कानूनों एवं नियमों को अन्धाधुन्ध तरीके से लागू नहीं किया जाये और न ही संघर्षरत दलों के साथ दोहरा मापदण्ड अपनाया जाये क्योंकि यही युद्ध, घृणा एवं हिंसा को प्रश्रय देते हैं।
महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा कि लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित्त करना संयुक्त राष्ट्र संघ एवं सुरक्षा परिषद की ज़िम्मेदारी है और इसे ध्यान में रखकर बर्बरता, क्रूरता, नरसंहार, युद्ध अपराध, जाति सफ़ाया एवं मानवता के विरुद्ध अपराधों को सहन नहीं किया जाना चाहिये अपितु इन्हें रोकने के लिये ठोस कदम उठाये जाने चाहिये।
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