2015-10-09 15:18:00

बासेल मिशन के दो सौ वर्ष, तीन दिवसीय कार्यक्रमों की शुरूआत आज


भारत, केरल, शुक्रवार 09 अक्तूबर 2015 (ऊका न्यूज़) भारत के केरल राज्य में बासेल मिशन ने अपने प्रेरितिक कार्य के दो सौ साल पूरे कर लिये हैं और इस उपलक्ष्य में तीन दिवसीय कार्यक्रमों की शुरूआत 09 अक्टूबर को हो रही है। विदित हो की मिशन की शुरूआत 1815 में स्विट्जरलैंड के बासेल शहर में हुई थी और 1842 में बासेल मिशन ने अपना प्रेरितिक कार्य केरल के कोझिकोड में शुरू किया था।

बासेल इवनजेलिकल मिशन के दो सौ वर्ष की सालगिरह के कार्यक्रमों की शुरूआत हेरमन गनडरेत गिरजाघर नेत्तुर से जो प्रेरितिक कार्य का केन्द्र रहा है मशाल जुलूस के साथ किया जायेगा।

केरल समाचार सूत्रों ने तीन दिवसीय विभिन्न कार्यक्रमों का उद्घाटन महागिरजाघर के सभागार में होगा जो समारोह का मुख्य स्थल है।

10 अक्तूबर, 11: 30 बजे सुबह जयप्रकाश रघाविया  द्वारा मिशन की शुरूआत पर एक स्लाइड शो और वार्ता, मिशन की कार्यप्रणाली पर किताबें और तस्वीरों की एक प्रदर्शनी के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन है।

अंतिम दिन, दक्षिण भारतीय मालाबार कलीसिया के नये धर्मप्रान्त की घोषणा सार्वजनिक बैठक से पहले की जायेगी। सार्वजनिक बैठक में सी.एस.आई. जी दिव्याश्रीवेदम, उप संचालक डॉ. सदानंद,  कोषाध्यक्ष रॉबर्ट ब्रूस सहित दूसरी कलीसिया के धर्माध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।

ज्ञात हो कि बासेल प्रेरितिक कार्य ने मालाबार के सामाजिक और शैक्षणिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके ही प्रयास से शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों की स्थापना हो पायी। उन्होंने ग़रीबों और दलितों के जीवन में सुधार लाने हेतु महत्वपूर्ण योगदान दिया। हेरमन गनडरेत  द्वारा संकलित मलयालम शब्दकोश, मिशन के सबसे बड़े योगदानों में से एक है।

 








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