2015-10-09 15:43:00

अच्छे समय में भी सचेत रहें


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): ″विश्वास की यात्रा में प्रलोभन हमेशा आते हैं शैतान कभी नहीं थकता। यदि वह बाहर कर दिया जाता है तो उसमें धीरज है वह पुनः लौटकर आने का इंतजार करता है और यदि उसे घुसने दिया जाए तो वह हमारी स्थिति को पहले से बदतर कर देता है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

शुक्रवार को उन्होंने संत लूकस रचित सुसमाचार पर चिंतन किया जहाँ येसु एक अपदूतग्रस्त व्यक्ति को चंगा करते हैं जिसको लोग अपदूतों के नायक बेलजेबूल की सहायता से किया गया कार्य मानते हैं।

संत पापा ने कहा कि येसु के समय में कई दल थे जिनमें से कुछ येसु को प्यार करते थे तथा उनके कथन एवं मनोभव पर चर्चा करते थे जबकि दूसरे प्रकार के लोग रोमियों के भय से येसु के अधिकार को अस्वीकार करते थे तथा अपवादों द्वारा लोगों को बहकाना चाहते थे।

संत पापा ने लोगों से आग्रह किया कि वे सचेत रहें तथा आत्माओं की परख करें। एक ख्रीस्तीय को चीजों को आसानी से स्वीकार नहीं कर लेना चाहिए बल्कि उसे अच्छी तरह परख कर, यह जाँच कर लेना चाहिए कि उसका मूल कहाँ है।

संत पापा ने सचेत रहने के साथ-साथ प्रलोभन से बचने की सलाह दी और कहा कि विश्वास की यात्रा में प्रलोभन हमेशा आते हैं। शैतान कभी नहीं थकता यदि वह बाहर कर दिया जाता है तो उसमें धीरज है वह पुनः लौटकर आने का इंतजार करता है और यदि घुसने दिया जाए तो वह हमारी स्थिति को पहले से बदतर बना देता है।

संत पापा ने शैतान की चालाकी से अवगत कराते हुए कहा कि यद्यपि वह पहले कष्टदायक रहा हो तथापि बाद में अपने को विनम्र मित्र में छिपाकर हमारा द्वार खटखटाता है तथा आग्रह करता है कि हम उस व्यक्ति के साथ जाएँ। इस प्रकार, धीरे-धीर वह हमें अपने जाल में फँसाता है।

संत पापा ने इसे बचने के दो उपाय बतलाये, पहला, प्रतिदिन अंतःकरण की जाँच तथा दूसरा, धोखा, प्रलोभन तथा मोह में पड़ने से बचना।








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