2015-10-08 16:55:00

विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा: तीसरा दिन


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 अक्तूबर 2015 (एशियान्यूज़): वाटिकन में चल रही विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के तीसरे दिन, वाटिकन प्रेस सम्मेलन ने यह घोषित किया कि धर्माचार्यों ने ‘चिरकुली मिनोरेस’ अर्थात् विभिन्न भाषाओं के 13 छोटे दलों के लिए अध्यक्षों एवं मध्यस्थों की नियुक्ति कर दी। इन सभी दलों ने ‘इनस्तूमेंतूम लवोरिस’ जो समकालीन परिवारों के जीवन को रेखांकित करती है उसके प्रथम भाग पर कार्य करना आरम्भ कर दिया है।

प्रेस सम्मेलन में वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी ने फिलाडेलफिया के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स कपुट, फ्राँस के महाधर्माध्यक्ष लौरेंट उलरिक तथा पेरू के महाधर्माध्यक्ष सालवातोरे पिनेइरो के साथ भाग लिया।

अंग्रेजी, फ्रेंच तथा स्पानी भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन धर्माध्यक्षों ने कहा, ″जैसा कि संत पापा ने कहा है इस दल ने बुधवार से ही सुसमाचार प्रचार करने तथा वर्तमान युग के परिवारों के लिए पूरी स्वतंत्रता एवं विनम्रता से कार्य करना आरम्भ कर दिया है।″  

महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स कपुट ने कहा, ″परिवार जैसे जटिल, पूर्ण तथा सामान्य विषय पर एक साथ कार्य करना, हमें विभिन्नताओं को देख पाने एवं उनका सामना करने तथा उनका गहराई से चिंतन करने में मदद करता है।″

उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति का मुद्दा कई बार उठाया जा रहा है। इतालवी भाषा के अंग्रेजी अनुवाद में सावधानी करनी चाहिए जिससे कि यह इतालवी मूल दस्तावेज़ की भावनाओं को व्यक्त कर सके। कई गंभीर मुद्दे हैं जिन्हें हम नहीं समझ सकते, एक समस्या है अतः हमें उन चीजों पर वोट नहीं देना चाहिए जिनके बारे हम नहीं जानते हैं।

उन्होंने कहा कि वास्तव में हम यहाँ किसी चीज पर विजय प्राप्त करने के विचार से नहीं आये हैं। हम इसलिए आये हैं ताकि उस सच्चाई तक पहुँच सकें जिसे प्रभु ने अपनी कलीसिया के लिए स्थापित किया है। काथलिक कलीसिया एकता की तीव्र अभिलाषी हैं किन्तु हम सांस्कृतिक विविधता को उभारना चाहते हैं ताकि हर कोई अपने आपको व्यक्त कर सकें।

इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि कई सदस्यों ने सवाल उठाया था कि क्या आधारभूत दस्तावेज पश्चिमी यूरोप और उत्तरी गोलार्ध के नज़रिये से तथ्यों को सटीक एवं व्यापक तरीके से प्रस्तुत कर सकता है?

फिलाडेलफिया के महाधर्माध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि भाषा शैली जो यूरोप एवं अमरीका में अपमानजनक लगे किन्तु अफ्रीका एवं एशिया में आवश्यक हो सकती हैं।

महाधर्माध्यक्ष उलरिक ने कहा कि हम उन भाषाशैलियों या अभिव्यक्तियों की तलाश कर रहे हैं जो प्रोत्साहनात्मक, स्वीकार्य तथा समस्त ख्रीस्तीय समुदाय एवं विश्व के साथ मिलनसारिता प्रदर्शित करे।  

उन्होंने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि हम हर बात पर सहमत हो जाये किन्तु हमें अपनी विविधता एवं अलग परिस्थिति को व्यक्त कर सकना चाहिए, फिर भी उन्होंने संत पापा की बातों का स्मरण करते हुए कहा कि हमें मन की शांति बनाये रखना तथा सावधानी करना चाहिए।

वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी ने प्रेस सम्मेलन को सम्बोधित कर कहा कि धर्माचार्य अपने वक्तव्यों को प्रकाशित करने तथा खुलकर अपनी बातों को रखने के लिए स्वतंत्र हैं।

फादर लोम्बारदी ने उक्त बात इसलिए कही ताकि वे धर्माध्यक्ष जो अपने धर्मप्रांतों को अपनी बातें बतलाना चाहते हैं अथवा अपने वक्तव्यों को प्रकाशित करना चाहते हैं उन्हें किसी तरह का संदेह न हो।








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