2015-10-08 17:19:00

बुरे लोग क्यों आराम से जीते हैं


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): ″कई बार हम बुरे लोगों पर ग़ौर करते हैं कि वे बुराई करते हुए भी आराम से जीवन बिताते हैं, खुश रहते, उनके पास ज़रूरत की हर चीज उपलब्ध रहती एवं उन्हें किसी चीज का अभाव नहीं होता।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उन्होंने नबी मलाकी के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ नबी ईश्वर से प्रश्न करता है कि बुरे लोग बुराई करते जाते हैं किन्तु ईश्वर उन्हें कोई दण्ड नहीं देता जबकि जो लोग भलाई का जीवन व्यतीत करते हैं उन्हें कई कठिनाईयाँ उठानी पड़ती हैं।

इस सवाल के उत्तर में संत पापा ने स्तोत्र ग्रंथ के उस पद को लिया जो यह घोषित करता है कि धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की सलाह नहीं मानता तथा अपना आनन्द प्रभु के नियमों में पाता है।

संत पापा ने कहा कि अच्छे लोगों के कष्टों का परिणाम ईश पुत्र के क्रूस ढोने, उस पर ठोके जाने तथा दुःख भोगने के समान है जो हमेशा अच्छा फल लाता है। स्तोत्र ग्रंथ कहता है कि हम जिन दुष्ट लोगों के बारे सोचते हैं कि उनका सब कुछ ठीक चल रहा है यह सही नहीं है क्योंकि उनका सुख भूसे के समान हवा में उड़ा लिया जाता है। प्रभु धर्मियों के मार्ग जानते हैं किन्तु दुष्टों के रास्ते नष्ट हो जायेंगे।

संत पापा ने धर्मियों की आशा तथा दुष्टों की दुर्गति बतलाते हुए ग़रीब लाजरूस तथा धनी व्यक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया। लाजरूस ग़रीब था वह अपनी दुखद परिस्थिति से कभी ऊपर नहीं उठ पाया किन्तु स्वर्ग के राज्य में उसे महान पुरस्कार मिला जबकि धनी आदमी का नाम ईश्वर की किताब में भुला दिया गया।

संत पापा ने कहा कि जो प्रभु के रास्ते पर चलने का प्रयास करते हैं वे उनके पुत्र के साथ होंगे जो मानव जाति के मुक्तिदाता हैं।








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