2015-10-06 12:25:00

परिवार पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा, पत्रकार सम्मेलन - (पहला दिन)


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 6 अक्टूबर 2015 (सेदोक): वाटिकन में 05 से 25 अक्टूबर तक जारी विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा पर पहला पत्रकार सम्मेलन सोमवार को सम्पन्न हुआ।

वाटिकन प्रेस के निर्देशक और वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी के नेतृत्व में, हंगरी के कार्डिनल पीटर एर्दो, फ्राँस के कार्डिनल आन्द्रे विंग्त त्रोईस तथा इटली के महाधर्माध्यक्ष ब्रूनो फोर्ते ने पत्रकारों के समक्ष विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के पहले दिन की रिपोर्टें प्रस्तुत की।

फादर लोमबारदी ने बताया कि सोमवार को विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का पहला सत्र पवित्रआत्मा को अर्पित प्रार्थना से किया गया। तदोपरान्त, धर्मसभा के महासचिव कार्डिनल लोरेन्सो बाल्दीस्सेरी द्वारा धर्माचार्यों के औपचारिक स्वागत के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस के सम्बोधन से धर्मसभा के कार्यों का उदघाटन किया गया।

अपने सम्बोधन में सन्त पापा फ्राँसिस ने विश्व के धर्माध्यक्षों को स्मरण दिलाया कि धर्मसभा कोई संसद नहीं है जिसमें विविध मुद्दों पर समझौते किये जायें अपितु धर्मसभा एक कलीसियाई अभिव्यक्ति है जिसमें कलीसिया विश्वास की आँखों से वास्तविकताओं को देखते हुए अग्रसर होती है।

पत्रकार सम्मेलन में कार्डिनल त्रोईस ने बताया कि उन्होंने धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के प्रतिभागियों में भौगोलिक तौर पर विविधता को देखा जिसके सदस्य लातीनी रीति की कलीसियाओं के साथ-साथ पूर्वी रीति की कलीसियाओं के भी सदस्य हैं।

हंगरी के कार्डिनल पीटर एर्दो ने बताया कि उन्होंने सम्पूर्ण विश्व के धर्माध्यक्षों एवं परिवार प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये सुझावों एवं प्रस्तावों की एक बृहत रिपोर्ट तैयार की है जिसके कुछ बिन्दु पहले सत्र में पढ़े गये।  

इटली के महाधर्माध्यक्ष ब्रूनो फोर्ते ने पत्रकारों से कहा कि धर्मसभा का लक्ष्य "परिवार के सुसमाचार"  की प्रस्तावना करना है किन्तु साथ ही वर्तमान विश्व के परिवारों की आशा आकाँक्षाओं एवं पीड़ाओं को प्रतिध्वनित करना है। उन्होंने कहा कि पवित्रआत्मा की वाणी के प्रति उदारता, प्रार्थना और ईश्वर के आगे विनम्रता से बहुत से जटिल प्रश्नों का उत्तर पाया जा सकता है। उन्होंने स्मरण दिलाया कि सन्त पापा फ्राँसिस ने भी धर्मसभा की सफलता के लिये प्रार्थना, मनन-चिन्तन एवं उदारता की भावना में सम्पन्न वार्ताओं को अपरिहार्य निरूपित किया है।  

महधर्माध्यक्ष ब्रूनों ने इस तथ्य के प्रति भी सचेत कराया कि इस समय वाटिकन में जारी धर्माध्यक्षों की धर्मसभा प्रेरितिक है इसलिये इसके निष्कर्ष प्रेरितिक ही होंगे। धर्मसभा  धर्मसैद्धान्तिक परिवर्तन की दिशा में नहीं जायेगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि धर्मसभा के आचार्यों में किसी प्रकार का विभाजन नहीं है जैसा कि मीडिया में अटकलें लगाई जाती रही हैं। उन्होंने कहा, "हम लोगों की समस्याओं को सुनने एवं उसके प्रेरितिक हल को ढूँढ़ने की आशा करते हैं। मेरे विचार से हम ईश्वर की ओर अग्रसर एक वैभवशाली आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।"    








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