2015-10-02 14:08:00

विश्व आप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस हेतु संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015 (एशियान्यूज़): वर्ष 2016 में विश्व आप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस हेतु संत पापा फ्राँसिस के संदेश को वाटिकन ने प्रकाशित कर दिया है। जिसकी विषयवस्तु है, ″आप्रवासी एवं शरणार्थी हमें चुनौती दे रहे हैं, करुणा के सुसमाचार का प्रत्युत्तर।″

अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय आप्रवासियों की संख्या वर्ष 2013 में 232 मिलियन हो गयी जबकि सन् 2000 ई. में मात्र 77 मिलयन थी।  

संत पापा ने लिखा, ″विश्व के विभिन्न हिस्सों में अस्वीकार्य मानवीय संकट फैलाने के परिणाम स्वरूप लाखों लोगों द्वारा प्रत्येक दिन झेली जा रही दुःखद कहानी का सामना अंतरराष्ट्रीय समुदाय को करना पड़ रहा है।″

उदासीनता एवं खमोशी, समस्या को अधिक जटिल बना देती है जिसके द्वारा हम घुटन, भूख, हिंसा तथा जहाजों के डूबने के कारण लोगों की मृत्यु का समर्थन करते हैं। बड़े स्तर पर हो अथवा छोटे स्तर पर किन्तु जब एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो यह दुःखद है।″  

संत पापा ने कहा कि कलीसिया उन सबों का समर्थन करती है जो व्यक्ति के अधिकारों एवं प्रतिष्ठा की रक्षा हेतु कार्य करते हैं जिसके अंतर्गत, विस्थापन पर रोक एवं अपने देश में विकास के अवसर प्रदान किये जाने का समर्थन देना है। साथ ही, उन राष्ट्रों की मदद करना है जो आप्रवासियों एवं शरणार्थियों को पनाह देते हैं। यह कार्य एकजुटता, सहयोग, अंतरराष्ट्रीय अन्योन्यआश्रय संबंध तथा निर्णायक प्रयासों के लिए पृथ्वी की भौतिक वस्तुओं के समान वितरण का प्रदर्शन करेगा। खासकर, उन क्षेत्रों में जहाँ आप्रवासी गतिविधियाँ आरम्भ होती तथा लोगों के बीच असंतुलन पैदा करती हैं और जिसके कारण लोगों को व्यक्तिगत अथवा सामूहिक रूप से अपने प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से बेदखल होना पड़ता है।″   

संत पापा ने अपने संदेश में कहा, ″करुणा के सुसमाचार के केंद्र में एक-दूसरे के साथ मुलाकात एवं उनके द्वारा स्वीकार किये जाने तथा ईश्वर के साथ साक्षात्कार ये दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। व्यक्ति का स्वागत करने का अर्थ है ईश्वर का स्वागत उस व्यक्ति के रूप में करना। ″

संत पापा ने कहा कि लोगों के भले कार्यों में व्यक्त ईश्वर की करुणा से उत्पन्न आनन्द और आशा को खोने न दें।








All the contents on this site are copyrighted ©.