2015-10-02 17:02:00

प्रत्येक जन के लिए रक्षक दूत है, दीनता से उसकी सुनेः संत पापा


वाटिकन (सिटी) शुक्रवार 02 अक्तूबर 2015, (सेदोक) संत पापा ने रक्षक दूतों के पर्व के अवसर पर वाटिकन के प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में, अपने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान प्रवचन में कहा कि ईश्वर ने हम प्रत्येक जन के लिए एक रक्षक दूत नियुक्त किया है जो हमें सुझाव देते और हमारी रक्षा करते हैं।  

“देखो मैं तुम्हारे सामने एक रक्षक दूत भेजता हूँ जो रास्ते में तुम्हारी रक्षा करेगा और तुम्हें उस स्थान तक ले आयेगा जिसे मैंने तैयार किया है।” निर्गमन ग्रंथ के ये पद हमें ईश्वरीय उपस्थिति का एहसास दिलाते हैं। संत पापा ने कहा, “ईश्वर ने हम सबों के लिए एक रक्षक दूत दिया है, जो हमारा मार्ग दर्शन करता है। वह हमेशा हमारे साथ रहता और यह सत्य है।” वह हमारे लिए ईश्वर का संदेशवाहक है जो हमें अच्छे कामों को करने की सलाह देता है, आप उसकी सुनें और उसका आदर करें।

रक्षक दूत सदैव बुराईयों से हमारी रक्षा करते हैं। संत फ्राँसिस हमें कहते हैं कि वे मित्र के समान हमारे साथ रहते जो हमें सही मार्ग में ले चलते हैं। वे हमें उनकी बातों को सुनने और उनका आदर करने को कहते हैं जो हमारे जीवन की दीनता कहलाती है। ख्रीस्तीयों को पवित्र आत्मा के प्रति दीन होना चाहिए, क्योंकि दीनता में हम अपने मित्र की बातों को सुनते हैं जो जीवन में हमारा मार्ग दर्शन करता है।   दीन होना, संत पापा ने कहा कि हमें बच्चों की भाँति छोटा बनाता है जैसे की येसु ने कहा है कि वह ईश्वर के राज्य में सबसे बड़ा है। संत पापा ने कहा कि रक्षक दूत हमारे यात्रा के मित्र हैं जो हमें नम्रता की शिक्षा देते हैं। उन्होंने कहा आइये हम आज नम्रता की कृपा हेतु निवेदन करें जिससे हम उस मित्र और संदेशवाहक की आवाज को सुन सकें जो ईश्वर की ओर से हमेशा हमारे निकट रहते हैं। 








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