2015-10-01 15:37:00

येसु के पवित्र हृदय को समर्पित कोम्बोनी मिशनरियों से मुलाकात, संत पापा


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 1 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 1 अक्टूबर को वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में येसु के पवित्र हृदय को समर्पित कोम्बोनी मिशनरी धर्मसमाज की आम सभा में भाग ले रहे 85 सदस्यों से मुलाकात की।

उन्हें सम्बोधित कर संत पापा ने कहा, ″आप सुसमाचार के सेवक एवं संदेश वाहक हैं विशेषकर, उन लोगों के लिए जो इसे नहीं जानते अथवा इसे भूल गये हैं। आपकी प्रेरिताई की शुरूआत ईश्वर का वरदान है यह ईश्वर की ओर से एक पहल है जो आपको दोहरे रूप से बुला रहे हैं, उनके साथ रहने एवं सुसमाचार का प्रचार करने के लिए।″  

संत पापा ने कहा कि धर्मसमाज प्रार्थना का स्थल है जो हमारा सच्चा खजाना होना चाहिए तथा जिसका प्रचार किया जाना चाहिए।

संत पापा ने उन्हें मिशनरी पुकारते हुए एक मिशनरी की विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एक मिशनरी अपने आपको ईश्वर का सेवक बनाता है, वह लोगों से बातें करता जैसा कि येसु ने अपने समय के लोगों से मुलाकात की तथा उन लोगों का हृदय जीत लिया जो उन्हें सुनने आये थे।

उन्होंने कहा कि मिशन को प्रमाणिक होना चाहिए, ख्रीस्त की कृपा से पोषित जो उनके क्रूस से आता है। उनपर विश्वास द्वारा हम ईश वचन का प्रचार कर सकते हैं जो मिशनरियों को उत्साहित करता, समर्थन देता तथा उनके समर्पण को फलप्रद बनाता है। संत पापा ने सभी सदस्यों को सलाह दी कि वे ईश वचन से पोषित हों, आनन्द की भावना से उसे स्वीकार करें तथा उसे आत्मसात करें।

धर्मसमाज की विशिष्टता का स्मरण दिलाते हुए संत पापा ने कहा कि वे आनन्द के साथ कलीसिया की प्रेरिताई को संत दानियल कोम्बोनी के पदचिन्हों पर चल कर पूरा करने का प्रयास करें जो असहाय लोगों के लिए ख्रीस्त के पवित्र हृदय के प्रेम को प्रकट करना है। उन्होंने कहा कि हृदय करुणा का स्रोत है जो बचाता एवं आशा प्रदान करता है। संत पापा ने कहा कि प्रेरिताई हेतु ईश्वर को समर्पित व्यक्ति के रूप में वे येसु की तरह विनम्र एवं करुणावान बनकर सेवा करने हेतु बुलाये गये हैं अतः वे बहिष्कृत लोगों की देखभाल करें। येसु के हृदय से सौम्यता की सीख लें ताकि प्रेरिताई में आने वाली कठिनाईयों में भी वे धीर बनें रह सकेंगी।








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