2015-09-29 12:54:00

येसु से नहीं डरें: युवाओं को सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 29 सितम्बर 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने युवाओं का आह्वान किया है कि वे दया के कार्यों द्वारा येसु के अनुयायी होने का साक्ष्य प्रस्तुत करें।

31 वें विश्व युवा दिवस के लिये जारी अपने सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि दया के कृत्यों में लगने अथवा दया करने का अर्थ मात्र भला होना नहीं है, यह संवेदनशीलता मात्र भी नहीं है अपितु यह प्रभु येसु ख्रीस्त के अनुयायी होने का प्रमाण है तथा वर्तमान युग में ख्रीस्तीय धर्मानुयायी की विश्वसनीयता का प्रमाण है।

सोमवार को वाटिकन ने, 31 वें विश्व युवा दिवस के लिये सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश की प्रकाशना की। काथलिक कलीसया द्वारा घोषित 31 वाँ विश्व युवा दिवस, वर्ष 2016 में, पौलैण्ड के क्रैकाव शहर में 26 से 31 जुलाई तक मनाया जायेगा।

"धन्य हैं वे जो दया दिखाते हैं क्योंकि वे भी दया के पात्र होंगे" प्रभु येसु ख्रीस्त के पर्वत प्रवचन से लिया गया यह आशीर्वाचन 31 वें विश्व युवा दिवस के लिये प्रकाशित सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश का शीर्षक है।

विश्व के युवाओं के नाम अपने उक्त सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने लिखा, "येसु से आप नहीं डरें क्योंकि येसु दयालु हैं।"

करुणा को समर्पित वर्ष के दौरान आयोजित विश्व युवा दिवस के सन्देश में सन्त पापा ने युवाओं से आग्रह किया है कि 2016 के जुलाई माह तक प्रत्येक युवा व्यक्तिगत रूप से हर माह दया का एक कृत्य सम्पादित करे।

सन्त पापा ने लिखा, "ईश्वर की दया वास्तविक है, वह यथार्थ है और इसका अनुभव प्राप्त करने के लिये हम सब बुलाये गये हैं।" उन्होंने कहा, "जब हम विनम्रतापूर्वक और पारदर्शिता के साथ अपने हृदयों को उदार रखते हैं तब हम ईश्वर की करुणा और उनकी दया पर ठोस रूप से चिन्तन करते हैं।"   

सन्त पापा ने युवाओं से आग्रह किया कि सन्त पौल के सदृश ही वे अपने दैनिक जीवन के हर क्षेत्र में ख्रीस्त के दयावान प्रेम की लौ को प्रज्वलित रखें।      








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