2015-09-23 13:02:00

संयुक्त राज्य अमरीका में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा शुरु


वाशिंगटन, बुधवार, 23 सितम्बर 2015 (सेदोक): अपने विनम्र तौरतरीकों एवं निर्धनों की कलीसिया को साथ लिये, सन्त पापा फ्राँसिस, मंगलवार 22 सितम्बर को, आर्थिक असमानता और आप्रवास से ध्रुवीकृत, समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र संयुक्त राज्य अमरीका में, अपनी पहली यात्रा के लिये मेरीलैण्ड स्थित सेन्ट एन्ड्रूज़ एयर फोर्स बेस पधारे।

क्यूबा में तीन दिनों तक वार्ता, पुनर्मिलन, सेवा एवं मनपरिवर्तन का सन्देश देने के उपरान्त  सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने मंगलवार को संयुक्त राज्य अमरीका की छः दिवसीय यात्रा का सूत्रपात किया।

सन्त पापा के प्रति असाधारण सम्मान का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा, उनकी पत्नी मिशेल तथा बेटियों ने क्यूबा से आये चार्टर्ड विमान की सीढ़ियों के नीचे उपस्थित होकर उनका हार्दिक स्वागत किया। आमतौर पर महत्वपूर्ण अतिथियों को राष्ट्रपति से मुलाकात हेतु व्हाईट हाऊस में बुलाया जाता है।

उत्साहित भीड़ के जय-जयकारों के बीच, श्वेत परिधान धारण किये 78 वर्षीय सन्त पापा फ्रांसिस मुस्कुराते हुए विमान से उतरे जहाँ सैन्य सलामी सहित वरिष्ठ राजनैतिक अधिकारियों तथा काले वस्त्रों पर लाल एवं बैंगनी रंगों के ज्वलंत कमरबन्द धारण किये कलीसियाई अधिकारियों ने उनका भावपूर्ण स्वागत किया। इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमरीका के प्रथम काथलिक उपराष्ट्रपति जो बाईडन एवं उनकी धर्मपत्नी भी उपस्थित थी। गीत गाते, तालियाँ बजाते तथा "वी लव फ्राँसिस, यस वी डू। वी लव फ्राँसिस हाओ अबाऊट यू" जयनारे लगाते स्कूली बच्चों ने हर्षोल्लास के साथ विश्व के एक अरब बीस करोड़ काथलिक धर्मानुयायियों के परमधर्मगुरु का अपने देश में भव्य स्वागत किया।

लिमोसीन कार को अलग छोड़कर सन्त पापा फ्राँसिस ने एक छोटी सी काली फियेट गाड़ी को पसन्द किया तथा उसकी खिड़कियाँ खोल दी ताकि वाटिकन के राजनयिक मिशन तक जानेवाले 26 किलो मीटर लम्बे मार्ग के ओर-छोर उनके दर्शन हेतु घण्टों से प्रतीक्षारत लोगों को निराशा न हो। लिमोसीन की जगह एक छोटी कार का चयन सन्त पापा फ्राँसिस की विनम्र और सरल जीवन शैली से मेल खाता है और साथ ही उपभोक्तावादी जीवन के विरुद्ध उनके सन्देश को एक तरह से व्यवहार रूप प्रदान करता है।

अमरीका की छः दिवसीय यात्रा सन्त पापा फ्राँसिस को, विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली देश में, उनके मनपसन्द विषयों जैसे ईश करुणा, सरल जीवन शैली, परिवार की पवित्रता आदि पर अपने विचारों को प्रकट करने के अनेक मौके प्रदान करेगी। वाशिंगटन में सन्त पापा अमरीकी काँग्रेस को सम्बोधित करेंगे, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में प्रभाषण करेंगे तथा फिलाडेलफिया में आठवें विश्व परिवार सम्मेलन के समारोहों का नेतृत्व कर अपना सन्देश प्रदान करेंगे।  

ग़ौरतलब है कि 19 सितम्बर को सन्त पापा फ्राँसिस क्यूबा एवं अमरीका में अपनी दस दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये रोम से रवाना हुए थे।

अपनी तीन दिवसीय क्यूबा यात्रा के दौरान सन्त पापा ने क्यूबा के लोगों से अनुरोध किया कि वे अपनी काथलिक धरोहर की पुनर्खोज करें तथा "कोमलता की क्रान्ति" को जियें। क्यूबा में जहाँ सन् 1959 ई. की क्रान्ति ने नास्तिकतावाद को प्रश्रय देकर मार्गदर्शक रूप में काथलिक कलीसिया की भूमिका को ख़त्म कर दिया था तथा कठोर साम्यवादी शासन प्रणाली को स्थापित कर दिया था "कोमलता की क्रान्ति" जैसे सन्त पापा फ्राँसिस के शक्तिशाली शब्द लोगों के दिलों को छू गये। एल कोब्रे के विरघिन दे ला कारिदाद मरियम तीर्थ पर मंगलवार को उन्होंने कहाः "हमसे आग्रह किया जाता है कि हम उदारात की रनी मरियम के सदृश "कोमलता की क्रान्ति" को जियें।"

क्यूबा के एक मैकेनिक 65 वर्षीय एलियट जिमेनेस ने कहा कि सन्त पापा के शब्दों से वह भावप्रवण हो उठा। उसने कहा कि अब उसकी समझ में आया कि "क्रान्ति राजनैतिक घटना नहीं है, क्रान्ति विकास है और सन्त पापा हमसे यही कह रहे हैं कि हम अपनी सोच का विकास करें, अपने मनोमस्तिष्क को उदार रखें।"         

संयुक्त राज्य अमरीका की यात्रा शुरु करने से पूर्व, मंगलवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने क्यूबा में सान्तियागो शहर के महागिरजाघर में कुछेक परिवारों से मुलाकात की थी। इस अवसर पर परिवार के लोगों ने अपने साक्ष्य प्रस्तुत किये तथा सन्त पापा का आशीर्वाद प्राप्त किया।  








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