2015-09-22 16:31:00

संत पापा ने दिया बाहर निकलकर आँख एवं हृदय खोलने का आमंत्रित


संतियागो, मंगलवार, 22 सितम्बर 2015 (वीआर सेदोक): क्यूबा के प्रेरितिक यात्रा के चौथे दिन 22 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने संतियागो स्थिति एल कोब्रे की उदारता की माता मरियम तीर्थस्थल पर पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए उदार बनने का परामर्श दिया।

उन्होंने कहा, ″ईश्वर की उपस्थिति हमारे जीवन को शांत रहने नहीं देती यह हमेशा कुछ करने के लिए प्रेरित करती है। ईश्वर इसलिए आते हैं ताकि हम दूसरों के पास जा सकें। वे हम से मुलाकात करते हैं ताकि हम दूसरों से मुलाकात कर सकें। हम प्यार किये जाते हैं ताकि हम औरों को प्यार कर सकें।″

संत पापा ने ईश्वर के दूत द्वारा कुँवारी मरियम को येसु के जन्म का संदेश दिये जाने की घटना पर चिंतन किया जहाँ मरिया दूत का संदेश पाकर चुप नहीं रही और वह अपनी कुटुम्बनी एलीजाबेथ की मदद हेतु उसके घर चल पड़ी। उन्होंने कहा कि वे एक ऐसी नारी हैं जिन्होंने हमेशा महिलाओं, पुरुषों, बच्चों, बूढ़ों एवं युवाओं के साथ मुलाकात की है। उन्होंने उन लोगों के संघर्ष को देखा है जिन्होंने अपने बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास किया है तथा वे अब भी हमारे लिए जीवन वचन अपने पुत्र ख्रीस्त को प्रदान करते हैं।

संत पापा ने कहा कि माता मरियम ने अपनी मातृ तुल्य स्नेह से हमसे मुलाकात की है। क्यूबा की धरती का जन्म उदारता की माता मरियम की भक्ति द्वारा हुई है जैसा की क्यूबा के धर्माध्यक्ष ने लिखा है, ″क्यूबाई लोगों तथा परिवारों के केंद्र में, ईश्वर के प्रेम की सर्वोत्तम भावना द्वारा क्यूबाई आध्यात्मिकता को उन्होंने विशेष तथा अद्वितीय रूप से गढ़ा है।″  

माता मरियम का यह तीर्थस्थल जो ईश्वर की पवित्र एवं निष्ठावान क्यूबा के तीर्थयात्रियों की याद दिलाता है माता मरियम उदारता की माता के रूप में सम्मानित की जाती है। यहीं से वह हमारे मूल तथा हमारी पहचान की रक्षा करती है ताकि हम निराशा के पथ पर आगे कभी न बढ़े।

माता मरिया की भक्ति को बनाये रखने एवं उसका हस्तांतरण करने हेतु संत पापा ने उन सभी दादियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उस विश्वास को अपने दैनिक जीवन में जीवित रखा। उन्होंने कहा कि माताओं, दादियों तथा सभी प्रेमी लोगों का स्नेह परिवार में उनके मुलाकात का चिन्ह है। उनकी छोटी उदारता के द्वारा पवित्र आत्मा ने अपने लोगों के बीच कार्य करना जारी रखा है।

संत पापा ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी एवं दिन प्रति दिन हम अपने विश्वास को नवीकृत करने के लिए बुलाये जाते हैं। उदारता की माता मरियम के समान कोमलता की क्रांति को जीने के लिए हम प्रेरित किये जाते हैं। हमें अपने घर से बाहर निकलकर अपनी आँख एवं हृदय खोलने के लिए आमंत्रित किया जा रहा हैं।

हमारी क्राँति कोमलता, आनन्द, करीब रहने, सहानुभूति रखने, सहभागी होने तथा औरों के जीवन की सेवा द्वारा आती है। हमारा विश्वास हमें घर छोड़कर, दूसरों से मुलाकात करने, उनके बीच आनन्द, आशा बांटने तथा उनकी निराशा को दूर करने हेतु प्रेरित करता है। वह हमें बीमारों, कैदियों तथा विलाप करने वाले लोगों से मुलाकात करने का प्रोत्साहन देता है।

संत पापा ने अपील की कि हम माता मरियम के समान एक सुन्दर कलीसिया का निर्माण करें जो अपने गिरजाघर से बाहर निकलकर, लोगों के जीवन यात्रा में साथ दे, उन्हें आशा प्रदान करे तथा एकता का चिन्ह बने। दीवारों को ढाह देने के लिए सेतु का निर्माण करे तथा मेल-मिलाप के बीज बोये। माता मरियम के समान हम भी आज के परिवेश तथा जीवन, संस्कृति एवं समाज के लिए समर्पित लोगों के साथ चलें।

अपने घर से बाहर आकर लोगों से मुलाकात करने हेतु संत पापा ने एल कोब्रे की माता मरियम तीर्थ को एक बहुत महत्वर्पूण खजाना कहा तथा सलाह दी कि हम भी उनकी तरह प्रार्थना करना सीखें जिनकी प्रार्थना यादगार एवं धन्यवाद की प्रार्थना थी।








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