2015-09-21 12:32:00

सन्त पापा मिले क्यूबा के क्रान्तिकारी नेता फिदेल कास्त्रो से


हवाना, सोमवार, 21 सितम्बर 2015 (सेदोक): सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस क्यूबा एवं अमरीका में अपनी दस दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दूसरे चरण में प्रवेश करते हुए सोमवार, 21 सितम्बर को, पूर्वी क्यूबा स्थित होलजिन शहर के लिये प्रस्थान कर रहे हैं। इससे पूर्व यात्रा के दूसरे दिन यानि रविवार 20 सितम्बर को उन्होंने राजधानी हवाना के रेवेल्यूशन पार्क में क्यूबा एवं पड़ोसी देशों के लगभग पाँच लाख काथलिक विश्वासियों के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित किया। राष्ट्रपति राऊल कास्त्रो मसे औपचारिक मुलाकात की, देश के पुरोहितों, धर्मसमाजियों एवं गुरुकुल छात्रों के साथ सान्ध्य वन्दना का पाठ किया तथा हवाना के फेलिक्स वारेला संस्कृति भवन में युवाओं को अपना सन्देश दिया।

ग़ौरतलब है कि काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा फ्राँसिस इस समय क्यूबा की प्रेरितिक यात्रा पर हैं।

रविवार, 20 सितम्बर को हवाना के रेवेल्यूशन पार्क में सम्पन्न ख्रीस्तयाग समारोह के उपरान्त सन्त पापा क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो के निवास पर गये जहाँ श्री कास्त्रो की धर्मपत्नी सहित परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। मुलाकात के उपरान्त वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा कि मुलाकात बहुत ही "भाईसुलभ, मैत्रीपूर्ण एवं अनौपचारिक" वातावरण में सम्पन्न हुई जिसके दौरान सन्त पापा एवं फिदेल कास्त्रो ने पर्यावरण की सुरक्षा एवं सामयिक विश्व में व्याप्त गम्भीर समस्याओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

क्यूबा के राजकीय टेलिविज़न पर दर्शायी गई इस मुलाकात में 89 वर्षीय फिदेल कास्त्रो को साधारण कपड़े पहने सन्त पापा के साथ हाथ मिलाते एवं चहचहाते देखा गया। फादर लोमबारदी ने इस वैयक्तिक मुलाकात की तुलना सन् 2012 में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 के साथ हुई फिदेल कास्त्रो की मुलाकात से करते हुए बताया कि उस समय फिदेल कास्त्रो ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें से कई प्रश्न पूछे थे जबकि रविवार को उत्साहित फिदेल बड़े सरल ढंग से सन्त पापा फ्राँसिस के साथ बातचीत करते दिखाई दिये। इस अवसर पर सन्त पापा ने फिदेल कास्त्रो को अपने विश्व पत्र "लाओदातो सी" की एक प्रति, अपने प्रवचनों की दो सीडी तथा दो पुस्तकें उपहार स्वरूप भेंट की।

रविवार, 20 सितम्बर को हवाना में सन्त पापा फ्राँसिस एवं क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो के बीच सम्पन्न मुलाकात की चर्चा मीडिया में गर्म रही। सर्वप्रथम तो इसलिये कि सन्त पापा फ्राँसिस लातीनी अमरीका मूल के पहले सन्त पापा हैं जिन्होंने अमरीका के साथ क्यूबा के सम्बन्धों में सुधार के नये दौर को प्रशस्त किया है और दूसरे इसलिये कि इस मुलाकात ने उस नेता को एक बार फिर प्रकाश में ला दिया था जिसने सन् 1959 ई. की क्रान्ति के बाद लौहदण्ड से शासन करते हुए 20 शताब्दी के अन्तिम पचास वर्षों में क्यूबा के इतिहास को रचा था। क्यूबा में साम्यावादी शासन को लागू कर फिदेल कास्त्रो कई मुद्दों पर संयुक्त राज्य अमरीका की सरकार से टकराये थे जिसके परिणामस्वरूप क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबन्ध लग गये थे जो आज भी कायम हैं। 








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