2015-09-20 12:44:00

लगभग एक लाख ने किया क्यूबा में सन्त पापा का स्वागत


हवाना, रविवार, 20 सितम्बर 2015 (सेदोक): क्यूबा की राजधानी हवाना स्थित "होसे मार्ती" अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, शनिवार, 19 सितम्बर को, 21 तोपों की सलामी सहित सैन्य सम्मान प्रदान कर सन्त पापा फ्राँसिस का लाल कालीन पर भव्य स्वागत किया गया। दो मुस्कुराते बच्चों ने गुलदस्ते अर्पित किये तथा क्यूबा और वाटिकन के राष्ट्रीय गीतों की धुनें बजाकर देश में वाटिकन के राष्ट्राध्यक्ष का आधिकारिक स्वागत किया गया। इस मौके पर क्यूबा के राष्ट्रपति राऊल कास्त्रो और क्यूबा के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के अतिरिक्त स्थानीय काथलिक कलीसिया के धर्माधिकारी भी सन्त पापा के स्वागत को हवाई अड्डे पर मौजूद थे।

शनिवार, 19 सितम्बर को सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस क्यूबा एवं अमरीका में अपनी दस दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये रोम से रवाना हुए थे। लगभग 12 घण्टों की उड़ान के बाद वे हवाना के "होसे मार्ती" हवाई अड्डे पहुँचे। इस यात्रा के प्रथम तीन दिन सन्त पापा क्यूबा में तथा शेष दिन अमरीका में व्यतीत करेंगे। क्यूबा में सन्त पापा फ्राँसिस की यह पहली तथा  इटली से बाहर दसवीं प्रेरितिक यात्रा है। क्यूबा की यात्रा करने वाले सन्त पापा फ्राँसिस तीसरे सन्त पापा  हैं, इससे पूर्व 2012 में बेनेडिक्ट 16 वें तथा 1998 ई. में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने क्यूबा की प्रेरितिक यात्राएं की थी। 

शनिवार को "होसे मार्ती" हवाई अड्डे से हवाना स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूतावास तक 18 किलो मीटर तक की दूरी सन्त पापा ने अपनी पारदर्शी मोटर गाड़ी से तय की। इस अवसर पर मार्गों के ओर-छोर लगभग एक लाख प्रशंसकों ने जयनारे लगाकर तथा करतल ध्वनि से इस खास मेहमान का अपने यहाँ भावपूर्ण स्वागत किया। क्यूबा के अधिकारियों ने श्रमिकों एवं कर्मचारियों को सन्त पापा के स्वागत हेतु कतारों में लगने के लिये एक दिन की पग़ार, भोजन तथा परिवहन की सुविधा प्रदान कर दी थी। हज़ारों विश्वविद्यालयीन छात्र भी सड़कों पर सन्त पापा के स्वागत को अपनी-अपनी टोलियाँ बनाकर निकल पड़े थे।

क्यूबा दक्षिण अमरीका का करिबियाई द्वीप देश है जिसकी कुल आबादी लगभग एक करोड़ 20 लाख है। इनमें 60 प्रतिशत ख्रीस्तीय धर्मानुयायी हैं। शेष चालीस प्रतिशत जनता जीववादी अथवा नास्तिक है। सन् 1959 में क्यूबा के पूर्व नेता फिदेल कास्त्रो के नेतृत्व में सम्पन्न क्रान्ति के बाद से देश ने सोवियत संघ की तर्ज़ पर साम्यवाद का वरण कर लिया था। संयुक्त राज्य अमरीका के साथ विभिन्न मुद्दों और, विशेष रूप से, मानवाधिकार सम्बन्धी मुद्दों को लेकर उत्पन्न तनावों के बाद अमरीका ने क्यूबा पर आर्थिक और व्यापार प्रतिबन्ध लगा दिये थे जो आज भी बरकरार हैं। इन प्रतिबन्धों के कारण क्यूबा की अर्थव्यवस्था बिलकुल कमज़ोर हो चुकी है तथा यहाँ के नागरिक निपट निर्धनता में जीवन यापन को मजबूर हैं।  

शनिवार को क्यूबा की धरती पर पैर रखते ही सन्त पापा फ्राँसिस ने क्यूबा और अमरीका के बीच सम्बन्धों को सामान्य बनाने की ज़ोरदार अपील की। उन्होंने कहाः "क्यूबा और अमरीका के बीच सम्बन्धों का सामान्यीकरण सम्पूर्ण विश्व के लिये पुनर्मिलन का आदर्श सिद्ध होना चाहिये।"

हवाई अड्डे पर सन्त पापा के आदर में अभिवादन पत्र पढ़ते हुए राष्ट्रपति राऊल कास्त्रो ने क्यूबा तथा अमरीका के बीच दीर्घकाल से व्याप्त तनावों को कम करने के लिये सन्त पापा फ्राँसिस को शतशत धन्यवाद ज्ञापित किया।  








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