2015-09-19 12:50:00

सन्त पापा की यात्रा से अमरीका के साथ सम्बन्धों में सुधार की आशा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 19 सितम्बर 2015 (सेदोक): क्यूबा के लोगों की आशा है कि सन्त पापा फ्राँसिस की तीन दिवसीय यात्रा अमरीका के साथ सम्बन्धों में सुधार का बीज बो सके।

क्यूबा में सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा की पृष्ठभूमि में वाटिकन टेलेविजन को दी एक भेंटवार्ता में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने कहा कि परमधर्मपीठ क्यूबा के विरुद्ध आर्थिक एवं व्यापार प्रतिबन्धों का सदैव विरोध करती रही है इसलिये कि इसके दुष्परिणाम जन साधारण को सहने पड़ते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि क्यूबा में आर्थिक प्रतिबन्धों के हटने के साथ–साथ स्वतंत्रता एवं मानवाधिकार के क्षेत्रों में भी उदारता दर्शाई जायेगी। 

स्मरण रहे कि क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो के नेतृत्व में सन् 1959 ई. में सम्पन्न क्रान्ति के बाद क्यूबा में सोवियत संघ की तर्ज़ पर साम्यवादी शासन लागू कर दिया गया था। इसी के बाद संयुक्त राज्य अमरीका के साथ क्यूबा के सम्बन्धों में दरार पड़ गई थी। दोनों राष्ट्रों के बीच कूटनैतिक सम्बन्ध भंग कर दिये गये थे तथा अमरीका ने एक आदेश जारी कर क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिये थे जो आज भी बरकरार है। सन्त पापा बेरगोलियो पर, "द ग्रेट रिफॉरमर फ्राँसिस एण्ड द मेकिंग ऑफ अ रेडिकल पोप" शीर्षक से पुस्तक लिखनेवाले, उनके मित्र और लेखक, ऑस्टिन इवराईख ने कहा, "सन्त पापा फ्राँसिस महसूस करते हैं कि क्यूबा और अमरीका के बीच आधी शताब्दी की शत्रुता ने, लोगों को उस क्षेत्र के लिये वाशिंगटन अथवा क्यूबा के दृष्टिकोणों के बीच चुनने के लिये बाध्य किया है और इस तरह लातीनी अमरीका की राजनीति को ध्रुवित कर दिया है।    

हाल के माहों में क्यूबा और संयुक्त राज्य अमरीका के बीच सम्बन्धों के सुधार की सम्भावनाओं के मद्देनज़र क्यूबा के नागरिक, दोनों देशों के बीच व्याप्त तनावों को कम करने में सन्त पापा फ्राँसिस की भूमिका पर नज़र रखे हुए हैं। अनेक लोगों की आशा है कि सन्त पापा की क्यूबा यात्रा इस कूटनैतिक गरमाहट को नीरस राजनैतिक समझौते से क्यूबा के लोगों के यथार्थ लाभ में परिणत कर दे।

वाटिकन के अधिकारियों ने सचेत किया है कि सन्त पापा फ्राँसिस की क्यूबा यात्रा का उद्देश्य राजनैतिक नहीं है बल्कि उनका मिशन प्रेरितिक है। लेखक ऑस्टिन इवराईख ने कहा, "क्यूबा में सन्त पापा फ्राँसिस स्पष्ट अथवा प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में नहीं पड़ेंगे किन्तु जो कुछ वे करेंगे अथवा कहेंगे उसके प्रभाव गहनतम ढंग से राजनैतिक होंगे।  

क्यूबा की प्रेरितिक यात्रा की पूर्वसन्ध्या क्यूबाई लोगों को प्रेषित एक विडियो सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने इस तथ्य पर बल दिया था कि ईश्वर की करुणा एवं उनके कोमल प्रेम के मिशनरी के सदृश, वे क्यूबा आ रहे थे ताकि ईश प्रेम के साक्षी बनने हेतु आप सब को प्रोत्साहन दे सकें।  उन्होंने कहा, "सम्पूर्ण विश्व हमारे विश्वास के साक्ष्य एवं ईश प्रेम से परिचित होकर यह जान ले कि ईश्वर दयालु हैं वे मनुष्यों को क्षमा कर देते हैं।"  अपनी प्रेरितिक यात्रा को तथा क्यूबा के सभी लोगों को माँ मरियम के संरक्षण के सिपुर्द करते हुए सन्त पापा ने घोषित किया कि वे क्यूबा की संरक्षिका एल कोब्रे के मरियम तीर्थ पर श्रद्धार्पण हेतु पहुँचेंगे, उस बच्चे के सदृश जो माँ के घर आने की आतुरता से प्रतीक्षा करता है।"   








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