2015-09-17 16:10:00

युद्ध अंतःकरण को नष्ट कर देता है


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 सितम्बर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि युद्ध अंतःकरण को नष्ट कर देता है।

काथलिक कलीसिया के कल्याणकारी कार्यों का समन्वय करने वाली वाटिकन स्थित ″कोर ऊनुम″ समिति के तत्वाधान में ईराक तथा सीरिया के संकट पर, आयोजित बैठक में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को, गुरूवार 17 सितम्बर को सम्बोधित कर संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि इन देशों में इतने अधिक समय से जारी युद्ध और हिंसा मानव के अंतःकरण को विनाश की ओर ले जा रही है।

उन्होंने कहा, ″सीरिया और ईराक में व्याप्त दुष्टता भवनों, मकानों तथा संरचनाओं का विनाश कर रही है किन्तु इससे अधिक यह मानव के अंतःकरण को नष्ट कर रही है। प्रभु येसु के नाम पर जो धरती पर मानव जाति के पाप हरने आये, कलीसिया महसूस करती है कि उसे इस दुष्टता का प्रत्युत्तर भलाई से तथा मानव के अखण्ड विकास में योगदान देकर करना है।″

ईराक सीरिया और मध्य पूर्व के अन्य देशों में युद्ध और हिंसा से प्रताड़ित लोगों को राहत सहायता प्रदान करने के लिए संत पापा ने ‘कोर ऊनुम’ के साथ सहयोग करने की काथलिक लोकोपकारी संगठनों के प्रति हार्दिक धन्यवाद दिया।

संत पापा ने कहा, ″सीरिया और ईराक में जारी संघर्ष हाल के दशकों की सबसे भारी मानव त्रासदियों में से एक है जिसके भयानक परिणाम निर्दोष नागरिकों पर और साथ ही इन देशों की सांस्कृतिक विरासत पर पड़ रही हैं। लाखों लोगों को अपनी मातृ भूमि छोड़ना पड़ रहा है। लेबनान, जॉर्डन और तुर्की को लोखों लोगों का बोढ ढोना पड़ रहा है जिसे वे उदारता पूर्वक वहन कर रहे हैं।″

उन्होंने इस बात पर गहन चिंता व्यक्त की कि देश युद्ध के कारण बिगड़े आंतरिक और क्षेत्रीय संतुलन की स्थिति का सामना कर रही है किन्तु अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर्याप्त समाधान खोजने में असमर्थ रहा है जबकि हथियारों के सौदागर अपने हितों को प्राप्त करने में सफल ह रहे हैं।

(Juliet Genevive Christopher)








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