2015-09-16 11:58:00

पर्यावरण एक सामूहिक सम्पत्ति है, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, बुधवार, 16 सितम्बर 2015 (सेदोक): वाटिकन में यूरोप के पर्यावरण मंत्रियों को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने, बुधवार को, इस बात को रेखांकित किया कि पर्यावरण लोगों की सामूहिक सम्पत्ति है, यह सम्पूर्ण मानवजाति की सामान्य धरोहर है और इसीलिये पर्यावरण के प्रति हम सब समान रूप से ज़िम्मेदार हैं। 

सन्त पापा ने कहा, "हम सब जानते हैं कि पर्यावरण के ह्रास के सर्वाधिक दुष्परिणाम निर्धन लोगों पर पड़ते हैं और इस सन्दर्भ में एकात्मता के अर्थ को स्पष्ट किया जाना महत्वपूर्ण है। इस शब्द का अर्थ है पर्यावरण के ह्रास एवं निर्धनता के विरुद्ध संघर्ष को पार करने के लिये प्रभावशाली अस्त्रों का उपयोग करना।" उन्होंने कहा, "एकात्मता का अर्थ है लोगों के विकास के लिये उपयुक्त तकनीकियों को उपलभ्य बनाना, ऐसे अस्त्रों को समर्थन देना जो मानवीय, प्राकृतिक, सामाजिक व आर्थिक संसाधनों के उचित उपयोग में मदद कर सकें।"  

इसके अतिरिक्त, सन्त पापा ने कहा कि न्याय के सिद्धान्त का पालन आवश्यक है। उन्होंने स्मरण दिलाया कि अपने विश्व पत्र "लाओदातो सी" में उन्होंने "पर्यावरणीय ऋण" का ज़िक्र किया है, विशेष रूप से, उत्तर एवं दक्षिण के बीच जहाँ व्यापार के असन्तुलन के कारण कुछेक देशों द्वारा अन्य देशों के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण होता रहा है।

उन्होंने कहा, "इस ऋण" का हमें सम्मान करना होगा। इन देशों को ऊर्जा के अपव्यय, कूड़े-कचरे के निकास, खाद्य पदार्थों के अपव्यय, जंगलों के रखरखाव आदि अहं मुद्दों के समाधान के लिये ठोस नीतियाँ बनानी होंगी। साथ ही, निर्धनों की गम्भीर समस्याओं का हल प्राप्त करने के लिये जीवन शैली में बदलाव लाने के लिये दृढ़ संकल्प करना होगा।"       








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