2015-09-09 18:31:00

घृणा के सागर में आशा की एक चिंगारी


एरबिल, बुधवार, 9 सितम्बर 2015 (एशियान्यूज़): संत पापा फ्राँसिस द्वारा घोषित समर्पित जीवन वर्ष के मद्देनजर ईराक के एरबिल में 10 से 12 सितम्बर तक युवाओं एवं समर्पित जीवन पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया है।

सेमिनार का आयोजन स्थानीय खलदेई कलीसिया द्वारा विभिन्न धर्मसमाजी समुदायों के सहयोग से किया गया है।

एशियान्यूज़ के अनुसार स्थान एवं आयोजन दोनों की महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ख्रीस्तीय शरणार्थी एक साल से भी अधिक अवधि तक मोसुल एवं निन्हवें के अपने घरों से खदेड़ दिये गये हैं। 

यही कारण है कि एरबिल के महाधर्माध्यक्ष बशर मत्ती वार्दा ने धर्मसमाजी समुदायों के साथ स्थानीय युवाओं को एक विशेष अवसर देने का निश्चय किया है जिसमें बुलाहट पर चिंतन एवं उसके लिए प्रार्थनाएँ अर्पित की जायेगी।

इस सेमिनार का लक्ष्य है, कलह, घृणा, बकवास के सागर में आशा की एक चिंगारी बनना।

सेमिनार की विषयवस्तु है ″मैं उनके लिए अपने को समर्पित करता हूँ।″(यो.17:19)

इन तीन दिनों में युवाओं को एक खास संदेश दिया जाएगा ″ईश्वर हमारे साथ हैं तथा समर्पित जीवन आज की परिस्थिति में भी सम्भव है क्योंकि हमारा ध्यान उन पर टिका है जो कहते हैं मैं उनके लिए अपने को समर्पित करता हूँ।








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