2015-09-08 12:52:00

ख्रीस्तीयों के लगातार उत्पीड़न पर सन्त पापा ने जताई चिन्ता


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 8 सितम्बर 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने अनेकानेक ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के उत्पीड़न तथा सत्ताधारियों की चुप्पी की कड़ी निन्दा की है।

वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में, सोमवार को, सन्त पापा ने आरेमेनियाई काथलिकों के नये प्राधिधर्माध्यक्ष ग्रेगोरी पीटर 20 वें, पूर्वी रीति की कलीसियाओं के लिये गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल लेयोनारदो सान्द्री तथा आरमेनियाई धर्माध्यक्षों के साथ मिलकर ख्रीस्तायग अर्पित किया।

ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने मध्यपूर्व एवं विश्व के अन्य क्षेत्रों में प्रताड़ित ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों का स्मरण किया। उन्होंने कहा, "आज भी, शायद पहले से कहीं अधिक ख्रीस्तीयों को सताया जा रहा है। आज भी ख्रीस्तीयों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उन्हें जान से मारा जा रहा है और सिर्फ इसलिये उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है क्योंकि वे ख्रीस्त के अनुयायी हैं।"   

ख्रीस्तीयों को अपने विश्वास में सुदृढ़ बने रहने हेतु प्रोत्साहन देते हुए उन्होंने कहा, "याद रखिये बिना उत्पीड़न के ख्रीस्तीय धर्म का अस्तित्व नहीं है। प्रभु येसु द्वारा पर्वत पर किये प्रवचन के अन्तिम आशीर्वचन को याद करेः वे तुम्हें सभागृहों में ले जायेंगे, तुम्हें प्रताड़ित करेंगे, तुम्हारी निन्दा करेंगे, यही है ख्रीस्तीयों की नियति।" आज भी, सन्त पापा ने कहा, यह सबकुछ सम्पूर्ण विश्व के समक्ष हो रहा है, उन सत्ताधारी नेताओं की आँखों के समक्ष जो इसे बन्द कर सकने में समर्थ हैं किन्तु चुप्पी साधे हुए हैं।   

सन्त पापा ने कहाः "समाचारों में हम प्रतिदिन कुछेक आतंकवादी दलों के भयावह कृत्यों के बारे में  पढ़ते हैं जो ख्रीस्तीयों का गला काटने से नहीं चूकते। इस स्थल पर मैं मिस्र के ख्रीस्तीय शहीदों की याद कर रहा हूँ जिनका कत्ल लिबियाई समुद्री तट पर कर दिया गया था।"

आरमेनियाई लोगों के उत्पीड़न को याद कर सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय धर्म को स्वीकार करनेवाला आरमेनिया पहला देश था और यहाँ के लोगों को उनके घरों से निष्कासित कर दिया गया जिसके दौरान लाखों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रभु येसु को सताया गया था उसी प्रकार ख्रीस्तीयों को भी सताया गया और आज भी वे सताये जा रहे हैं।

सन्त पापा ने प्रार्थना की कि ख्रीस्तीय शहीदों का साहस वर्तमान काल के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को अपने विश्वास में सदैव अटल रहने की कृपा प्रदान करे। 








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