2015-09-04 12:02:00

अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के प्रति विश्व को हो जाना चाहिये सावधान


आथेन्स, शुक्रवार, 4 सितम्बर 2015 (सेदोक): वाटिकन में अन्तर-धार्मिक सम्वाद हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के सचिव मान्यवर मिगेल आन्जेल ग्वीक्सो ने कहा है कि विश्व को  मध्यपूर्व एवं विश्व के अन्य क्षेत्रों में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों एवं अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध  जारी हिंसा के प्रति चौकस हो जाना चाहिये।

ग्रीस के आथेन्स नगर में 02 और 03 सितम्बर को "धर्म के नाम पर हिंसा के विरुद्ध एकजुट" शीर्षक से ख्रीस्तीय एवं इस्लाम धर्म के विद्धानों के बीच अन्तर-धार्मिक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नागरिकों के अधिकारों को समर्थन एवं लोगों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व जैसी चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

जैरूसालेम में लातीनी रीति के धर्माध्यक्ष तथा जॉर्डन की प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ के प्रतिधर्माध्यक्ष लाहाम को, 06 अगस्त को लिखे सन्त पापा फ्राँसिस के पत्र का स्मरण दिलाते हुए मान्यवर फादर मिगेल आन्जेल ग्वीक्सो ने आशा व्यक्त की कि विश्व के विभिन्न देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों और, विशेष रूप से, ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हो रहे अन्याय और अत्याचार के प्रति विश्व समुदाय निष्क्रिय नहीं रहेगा।"

सन्त पापा फ्राँसिस के शब्दों को उद्धृत कर उन्होंने कहा, "मैं इस आशा को नवीकृत करता हूँ कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय मानवाधिकारों के हनन तथा लोगों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व में बाधा डालनेवाले इन जघन्य अपराधों की उपेक्षा नहीं करेगा।" 

गुरुवार को आथेन्स में कूटनीतिज्ञों को सम्बोधित करते हुए मान्यवर ग्वीक्सो ने कहा कि वे मध्यपूर्व में ख़तरनाक परिस्थितियों का सामना कर रहे तथा क्षेत्र में पुनर्मिलन एवं शांति स्थापना करने का प्रयास करनेवाले सभी लोगों के साथ हैं।    

उन्होंने आशा व्यक्त की कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, विभिन्न धर्मों एवं संस्कृतियों के इतने अधिक  लोगों के उत्पीड़न के अन्त हेतु ,कोई ठोस राजनैतिक समाधान ढूँढ़ने में सफल होगा। 








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