2015-08-14 11:48:00

जकार्ताः इन्डोनेशिया ने दो येसुधर्मसमाजियों को किया सम्मानित


जकार्ता, शुक्रवार, 14 अगस्त 2015 (एशियान्यूज़): इन्डोनेशिया ने दो येसुधर्मसमाजी मिशनरियों को उनकी सेवाओं के लिये देश के प्रतिष्ठित महापुतेरा पुरस्कार से सम्मानित किया है।

इन्डोनेशिया का प्रतिष्ठित महापुतेरा पुरस्कार 2015, हॉलैण्ड के काथलिक पुरोहित स्वर्गीय पीटर जोसफ ज्योटमुलदेर तथा जर्मनी के काथलिक पुरोहित फ्राँस मागनिस सूसेनो को प्रदान किया गया है।

महापुतेरा पुरस्कार इन्डोनेशिया का दूसरा सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुरस्कार है जो देश के विकास में विशिष्ट योगदान देनेवाले इन्डोनेशियाई नागरिकों को प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।

पुरस्कारों की घोषणा कर इन्डोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि इन दोनों मिशनरियों ने अपने लेखन कार्यों द्वारा राष्ट्र में सदभाव एवं मैत्री को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि फादर पीटर जोसफ ज्योटमुलदेर ने जावा संस्कृत को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जबकि फादर फ्राँस मागनिस सूसेनो ने अपने बौद्धिक निवेश से देश को समृद्ध बनाया है।

फादर ज्योटमुलदेर का जन्म हॉलैण्ड के ऊटरेख्ट नगर में हुआ था तथा सन् 1995 में उनका निधन हो गया था। वे 89 वर्ष के थे। 19 वर्ष की आयु में वे इन्डोनेशिया के जावा द्वीप पर आये थे। जावा में उन्होंने शास्त्रीय जावाई साहित्य तथा इन्डोनेशियाई भाषा की प्राचीन परम्परा का अध्ययन किया। इन्डोनेशिया के योग्यकर्त्ता विश्वविद्यालय में कई वर्षों तक आप जावाई भाषा और साहित्य के प्राध्यापक रहे थे।

जर्मनी के फादर फ्राँस मागनिस ने भी योग्यकर्त्ता विश्वविद्यालय में जावाई भाषा का अध्ययन किया था जिसके उपरान्त उन्होंने इस भाषा में कई पुस्तकें लिखी। जर्मनी से उन्होंने मार्क्सवाद में डॉक्टेरेड किया था और बाद में इन्डोनेशिया स्थित ड्रियारकर महाविद्यालय में दर्शन एवं नीति शास्त्र पढ़ाते रहे थे। इन्डोनेशियाई भाषा में फादर मागनिस के कई लेख एवं निबन्ध प्रकाशित हुए हैं। "जावानिस एथिक्स" तथा "एथिक्स पोलीसी" शीर्षक के अन्तर्गत प्रकाशित फादर मागनिस सूसेनो की पुस्तकें स्कूलों में पाठ्य पुस्तक रूप में प्रयुक्त की जाती हैं।    








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