2015-08-12 16:01:00

मैं बुराई से रौंद दी गयी थी, सिस्टर मीना


मुम्बई, बुधवार, 12 अगस्त 2015 (एशियान्यूज़): ″हम बुराई की उपस्थिति के प्रति सचेत हैं फिर भी साहस एवं आशा के साथ भविष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं।″ यह बात कंधमाल की धर्मबहन मीना बारवा ने एशियान्यूज़ से कही।

माता मरियम के स्वर्गारोहण महापर्व की तैयारी कर रही सिस्टर मीना ने सन् 2008 में अपने साथ हुई बलत्कार की घटना की याद करते हुए कहा, ″ सन् 2008 ई. की ख्रीस्तीय विरोधी गतिविधियों में मैं बुराई से रौंद दी गयी थी किन्तु मैं सच्चाई, अच्छाई तथा अपनी मानवीय मर्यादा एवं धर्मसंघी बुलाहट पर अडिग रही। इस लम्बी अवधि के अंधकार एवं अकेलापन के कारण मानसिक आघात ने मेरा पीछा किया किन्तु ऐसे समय में क्रूस के नीचे खड़ी माता मरियम मेरी सांत्वना की स्रोत रहीं।″

उन्होंने कहा कि ईश्वर के प्रेम की गारंटी एवं क्रूस के नीचे खड़ी ख्रीस्त की माता ने मुझे बल प्रदान किया।

विदित हो कि सि. मीना बारवा हैंडमेडस ऑफ मेरी धर्मसंध की सदस्य हैं उन्होंने अपना जीवन ईश्वर तथा लोगों की सेवा हेतु अर्पित किया है। सन् 2008 ई. में उन्हें हिन्दू चरमपंथियों द्वारा ख्रीस्तीय विरोधी गतिविधियों के कारण बलत्कार का शिकार होना पड़ा था।

उन्होंने माता मरिया के स्वर्गारोहन महापर्व पर धन्य कुँवारी मरियम की तरह अपना समर्पण दुहराने का निश्चय किया है, ″देख, मैं प्रभु की दासी हूँ।″ उन्होंने कहा कि माता मरियम प्रेम, अच्छाई, सच्चाई तथा ईश्वर की विजय का प्रतीक है तथा उन्होंने मुझे आनन्द का रास्ता दिखलाया है।

उन्होंने कहा, ″माता मरिया का स्वर्गारोहण महापर्व मेरे तथा मेरे धर्मसंघ के लिए एक बड़ा पर्व है। उनका स्वर्गारोहण हमें स्वर्ग की ओर नजर लगाने हेतु प्रेरित करता है। हम संसार की बुराईयों के प्रति सचेत हैं किन्तु हम आशा और साहस के साथ भविष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि ख्रीस्तीय धर्म आशा का धर्म है।″








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