2015-08-12 17:01:00

परिवार के तीन मुख्य बिन्दु


वाटिकन सिटी, बुधवार 12 अगस्त 2015, (सेदोक, वी. आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने, संत पापा षष्टम सभागार में, विश्व के कोने-कोने से जमा हुए हजारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतावली भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे प्रिय भाई एवं बहनों, काथलिक कलीसिया की धर्म-शिक्षामाला के अंतरगत आइये हम परिवार के तीन मुख्य बिन्दुओं की ओर अपना ध्यान केन्द्रित करें, समारोह, काम और प्रार्थना। आइये हम सबसे पहले समारोह से शुरू करें। बाईबल की कहनी में हम देखते हैं कि समारोह की शुरूआत ईश्वर के द्वारा की गई, जिन्होंने सृष्टि के अपने कामों को समाप्त कर सातवें दिन आराम किया। ईश्वर ही हैं जो हमें आत्मचिन्तन के लिए समय का महत्व और अपने काम के फलों का रसास्वादन के बारे में सिखाते हैं, न केवल अपने रोजगार या व्यवसाय का वरन् हर काम जिसके द्वारा स्त्री और पुरूष ईश्वर के रचनात्मक कार्य में अपना सहयोग देते हैं, यहाँ तक की अपने जीवन के कठिन समय में भी।    

अपने रोजगार स्थल में भी हम जन्म दिवस, विवाह वर्षगाँठ, नये शिशु का आगमन, किसी की विदाई या स्वागत करते हैं। हमारे जीवन के सच्चे समारोह हमें हमारे कार्यों से हटकर, हमें थोड़ा समय देते हैं क्योंकि ये हमें यह याद दिलाते हैं कि हम ईश्वर के प्रतिरूप बनाये गये हैं जो कि काम का दास नहीं अपितु काम का स्वामी है। उन्होंने कहा हमें कभी काम का दास नहीं वरन् काम का स्वामी बनने की आवश्यकता है। फिर भी हम जानते हैं कि हजारों कि संख्या में स्त्री और पुरूष यहाँ तक की बच्चे काम के गुलाम हैं। आर्थिक लाभ और तकनीकी दक्षता का जुनून मानवीय जीवन के लय को खतरे में डाल देता है। विश्राम के दिन, विशेषकर रविवार, हमारे लिए पवित्र है क्योंकि इस दिन हम ईश्वर को पाते हैं।

रविवारीय युखरीस्तीय बलिदान हमारे सभी समारोह में हमारे लिए येसु खीस्त की आशिष और कृपा, उसकी उपस्थिती, प्रेम और बलिदान, उनका हमारे परिवार में रहना और हमारे एक साथ मिलकर रहने की कृपा लेकर आता है। हमारे सभी काम ईश्वरीय आशीष से परिवर्तित हो जाते हैः हमारे रोजगार, परिवार, हमारे हल पल की खुशियाँ और मुसीबतें, यहाँ तक की दुःख-दर्द और मृत्यु। आइये हम अपने परिवार को हमेश एक ईश्वरीय उपहार के रूप में देखें जहाँ आपसी समझ, मार्गदर्शन और प्यार, जो की हमारे लिए समारोह, मुख्यतः रविवारीय पवित्र बलिदान से आता है।     

धर्मशिक्षा की समाप्ति के बाद संत पापा ने अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों और आमदर्शन में उपस्थित मल्टा, जिम्बाबे, फीलीपीनी, और तीन्द और टोबागो के सभी लोगों का प्रेम पूर्ण आभिवादन किया और कहा, आपका परिवार येसु के प्रेम और दया का समारोह रोज मनायें और संसार में ईश्वर के प्रेम की उपस्थिति की एक निशानी बनें।  इतना कहने के बाद संत पापा ने सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








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