2015-08-07 12:20:00

वाटिकन सिटीः ईराकी शरणार्थियों पर चुप्पी का सन्त पापा ने किया खण्डन


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 7 अगस्त 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने ईराकी शरणार्थियों की दयनीय स्थिति पर विश्व के मौन की कड़ी निन्दा की है।

जैरूसालेम के सहयोगी धर्माध्यक्ष तथा जॉर्डन के प्रतिधर्माध्यक्ष मारोन लहाम को लिखे एक पत्र में सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय एवं अन्य अल्पसंख्यकों के व्यापक उत्पीड़न के बावजूद विश्व मौन धारण किये हुए है। उन्होंने कहा, "बहुत अधिक बार, विश्व के बहुत अधिक भागों में, सबकी आँखों के सामने और सबकी चुप्पी के साथ ख्रीस्तीयों एवं अन्य अल्पसंख्यकों का पाश्विक, अमानवीय एवं अवर्णनीय उत्पीड़न जारी रहा करता है।"   

सन्त पापा ने यह पत्र जॉर्डन में शरण ले रहे ईराकी शरणार्थियों को प्रेषित किया था। गुरुवार छः अगस्त को वाटिकन ने सन्त पापा के इस पत्र की प्रकाशना की।

ग़ौरतलब है कि विगत वर्ष अगस्त माह में इस्लामिक स्टेट के आतंक के बाद हज़ारों ख्रीस्तीय धर्मानुयायी एवं येज़दी मुसलमान ईराक से पलायन कर जॉर्डन में शरण लेने पर मज़बूर हुए थे।

शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चायुक्त के अनुसार जॉर्डन में 57,000 ईराकी लोग शरण ले रहे हैं।

ईराकी शरणार्थियों को लिखे पत्र में सन्त पापा ने शरणार्थियों की सेवा में संलग्न जॉर्डन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "जॉर्डन में ईराकी शरणार्थियों की मदद कर रहे ख्रीस्तीय लोग इन लोगों को राहत पहुंचाने के द्वारा प्रभु ख्रीस्त के पुनःरुत्थान का साक्ष्य प्रस्तुत कर रहे हैं।"

सान्तवना एवं प्रोत्साहन से परिपूरित सन्त पापा का पत्र इताली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव धर्माध्यक्ष नुनसियो गालातीनो द्वारा अम्मान भेजा गया है। धर्माध्यक्ष गुरुवार से जॉर्डन की यात्रा पर हैं जहाँ वे ईराकी शरणार्थियों की भेंट करेंगे तथा 08 अगस्त को "प्रताड़ित ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के निर्गमन की स्मृति में आयोजित प्रार्थना सभा में भाग लेंगे।

सन्त पापा ने कहा कि धर्माध्यक्ष गालातीनो की यात्रा द्वारा वे "हिंसा और दमन का शिकार बने उन लोगों में आशा की किरण जगाना चाहते थे, जिन्हें अपने घरों एवं अपने देश से बलात निकाल दिया गया था।"    








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