2015-08-05 12:04:00

बेथलेहेम के अन्तरराष्ट्रीय नेटीविटी संग्रहालय में भारतीय गऊशाले को मिली जगह


कोलकाता, बुधवार, 5 अगस्त 2015 (ऊका समाचार): संयुक्त राष्ट्र संघीय शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति सम्बन्धी संगठन यूनेस्को द्वारा समर्थित बेथलेहेम के अन्तरराष्ट्रीय नेटीविटी संग्रहालय में भारतीय गऊशाले ने सम्मानित स्थान पा लिया है।

संग्रहालय में येसु जन्म से जुड़े 90 राष्ट्रों के 223 से अधिक गऊशालों की चरनी में लेटे येसु जन्म के दृश्यों में अब भारत में निर्मित गऊशाले तथा येसु जन्म का चित्रण भी जुड़ गया है।

सम्पूर्ण विश्व के तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को आकर्षित करनेवाले बेथलेहेम के अन्तरराष्ट्रीय नेटीविटी संग्रहालय की विशिष्टता यह है कि इसमें विभिन्न देशों की अलग-अलग संस्कृति, परम्परा एवं शैली के दर्शन किये जा सकते हैं।

संग्रहालय के कोषाध्यक्ष भारत के फादर येसुदास आरोक्कियम ने ऊका समाचार से इस विषय में कहा, "भारत में निर्मित येसु जन्म का दृश्य भारतीय संस्कृति का परिदृश्य है।" उन्होंने कहा कि यह बड़े गौरव का विषय है कि बेथलेहेम के अन्तरराष्ट्रीय नेटीविटी संग्रहालय में अब भारतीय गऊशाले तथा भारतीय शैली में चित्रित येसु जन्म के दृश्य को जगह मिलेगी।

उन्होंने बताया कि भारतीय शैली में चित्रित येसु जन्म के दृश्य में भारतीय ग्रामीण पृष्ठभूमि सहित साड़ियाँ एवं धोतियाँ धारण किये प्रतिमाओं को सजाया गया है। इसमें पत्थर, घासफूस, फाईबर ग्लास, लकड़ी, मिट्टी तथा चीनी मिट्टी आदि का गऊशाला सजाया गया है। इसके अतिरिक्त, येसु के दर्शन करने आये तीन राजाओं को शाही  भारतीय परिधानों से सुसज्जित किया गया है।

येसु जन्म के दृश्यों का संग्रहालय सबसे पहले इटली के ट्यूरिन शहर में स्थापित किया गया था किन्तु सन् 1999 में इसे येसु की जन्म भूमि बेथलेहेम स्थानान्तरित कर दिया गया था।    

 








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