2015-07-22 12:32:00

पर्यावरण की रक्षा एवं मानव तस्करी के विरुद्ध प्रयासों को सघन करना अनिवार्य


वाटिकन सिटी, बुधवार, 22 जुलाई 2015 (सेदोक):  सन्त पापा फ्राँसिस ने विश्व के नगराध्यक्षों एवं महापौरों से आग्रह किया है कि वे पर्यावरण की सुरक्षा तथा मानव तस्करी के विरुद्ध अपने प्रयासों को सघन करें।   

सन्त पापा फ्राँसिस मंगलवार को वाटिकन में विश्व के लगभग 70 नगराध्यक्षों एवं महापौरों को सम्बोधित कर रहे थे। यूरोप सहित उत्तरी और दक्षिणी अमरीका, अफ्रीका, एशिया तथा प्रशान्त महाद्वीपों के विभिन्न राष्ट्रों के नगराध्यक्ष एवं महापौर "जलवायु परिवर्तन तथा आधुनिक प्रकार की दासता" शीर्षक से वाटिकन में 21 और 22 जुलाई को सम्पन्न दो दिवसीय सम्मेलन के लिये एकत्र हुए थे।  

गर्म होते वैश्विक तापमान पर इस वर्ष के दिसम्बर माह के लिये निर्धारित पेरिस विश्व शिखर सम्मेलन के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर कड़े कदम उठाने चाहिये। उन्होंने कहाः "पेरिस शिखर सम्मेलन पर मेरी आशा टिकी हुई है। मैं बड़ी उम्मीद रखता हूँ  कि मूलभूत समझौता सम्पन्न हो सकेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ को इस दिशा में सुदृढ़ कदम उठाने चाहिये।"

ग़ौरतलब है विगत माह सन्त पापा फ्राँसिस ने जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण पर अपना विश्व पत्र जारी किया था। 21 और 22 जुलाई को वाटिकन में आयोजित सम्मेलन में पर्यावरण एवं मानव तस्करी पर गहन विचार-विमर्श हुआ। साथ ही जलवायु परिवर्तन और गर्म होते विश्व के तापमान को निर्धनता एवं बलात प्रवसन का कारण बताया गया।

सन्त पापा ने नगराध्यक्षों एवं महापौरों से कहा कि उनकी आशा है कि पेरिस शीर्ष सम्मेलन इस तथ्य पर चिन्तन का अवसर होगा कि जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप ही लोग मानव तस्करी का शिकार बनते हैं।

मंगलवार को सन्त पापा फ्राँसिस के साथ-साथ विश्व के नगराध्यक्षों एवं महापौरों ने एक घोषणा पर भी हस्ताक्षर किये। घोषणा में उन्होंने कहा, "पेरिस सम्मेलन में विश्व के नेताओं को ऐसे ठोस समझौते पर सहमत होना चाहिये जो गर्म होते वैश्विक तापमान के स्तर को, मानवजाति और, विशेष रूप से, निर्धनों एवं कमज़ोर वर्ग की रक्षा तक कम कर सके।"

वाटिकन सम्मेलन की घोषणा में यह भी कहा गया कि उच्च आमदनी वाले देशों को जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिये निम्न आमदनी वाले देशों की मदद करनी चाहिये।

जलवायु परिवर्तन को मानव की गतिविधियों का परिणाम न मानने वाले लोगों के विरोध में घोषणा में कहा गयाः "मानव-प्रवृत्त जलवायु परिवर्तन एक वैज्ञानिक वास्तविकता है तथा इसे प्रभावशाली ढंग से नियंत्रण में रखना मनुष्यों का नैतिक दायित्व है।" 

सम्मेलन में भारत के केरल राज्य से कोची शहर के नगराध्यक्ष टोनी चाम्मनी ने भी भाग लिया। मंगलवार को सम्मेलन के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने गर्म होते विश्व के तापमान तथा इसके परिणामस्वरूप समुद्र स्तर में वृद्धि पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान और सूखा के कारण किसान शहर का रुख करेंगे तथा गुलामी के अन्धकार में गिरने के लिये बाध्य होंगे।"








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