2015-07-22 12:19:00

नई दिल्लीः राजीव के हत्यारे दया के पात्र नहीं


नई दिल्ली, बुधवार, 22 जुलाई 2015 (ऊका समाचार): केंद्र सरकार ने, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे किसी प्रकार की दया के पात्र नहीं हैं  क्योंकि यह हत्याकाण्ड एक षड़यंत्र था जिसमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे।

तमिल नाड के श्रीपेरुमबदूर में एक चुनाव रैली के दौरान, सन् 19991 में, एक आत्मघाती बम विस्फोट से पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की हत्या कर दी गई थी।  

न्यायमूर्ति एच.एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष केन्द्र सरकार की ओर से सोलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा, "हमारे पूर्व प्रधानमंत्री की इन लोगों ने हत्या कर दी थी। यह एक षड़यंत्र था जिसमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे।" इनके प्रति किसी तरह की दया या नरमी नहीं दिखाई  जानी चाहिये।  

हत्याकाण्ड के सात दोषियों में वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, संतन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार श्रीलंका के नागरिक हैं, जबकि दोषी महिला नलिनी, रविचंद्रन और अरिवू भारतीय हैं। संविधान पीठ इन सभी दोषियों की उम्रकैद की सजा माफ करने और उन्हें रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका की विचारणीयता पर सुनवाई कर रही है।

मुरुगन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने दया का मुद्दा उठाते हुए इस प्रकरण में हुई न्यायिक कार्यवाही पर चर्चा की। इससे पहले, अदालत ने यूपीए सरकार की याचिका पर इन सभी सात दोषियों की सजा माफ कर उन्हें रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी।

मंगलवार को, सुनवाई के दौरान तीखी बहस के बाद अदालत ने कहा कि श्रीपेरंबदूर में, 1991 में हुए हत्याकांड के पीड़ितों के दुख को सामने लाना केंद्र का कर्तव्य है।

संविधान पीठ ने कहा,  'सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की मौत की सज़ा को उम्र कैद में बदल दिया था। तब पीड़ितों ने इसकी शिकायत नहीं की थी किन्तु अब तमिल नाडु सरकार हमारे फ़ैसले के साथ और छेड़छाड़ कर रही है।

 








All the contents on this site are copyrighted ©.