2015-07-22 12:25:00

धारणीय विकास के सभी पक्षों को सम्बोधित किया जाये, महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा


न्यू यॉर्क, बुधवार, 22 जुलाई 2015 (सेदोक): संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक तथा वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आऊज़ा ने कहा है कि धारणीय विकास के लिये विकास के सभी पक्षों को सम्बोधित किया जाना अनिवार्य है।   

सोमवार, 20 जुलाई को न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय मुख्यालय में "2015 के बाद विकास" विषय पर आयोजित अन्तर-सरकारी वार्ताओं में भाग ले रहे विश्व के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा कि विकास एक तरफ़ा नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, "धारणीय विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये इसके आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय आयमों पर ध्यान देना होगा। उदाहरणार्थ, मानव व्यक्ति की प्रतिष्ठा और मर्यादा पर ध्यान दिये बिना तथा जनकल्याण को प्राथमिकता दिये बिना पर्यावरण की सुरक्षा अथवा आर्थिक विकास की बात करना कार्यसूची की प्रकृति के विरुद्ध होगा।"

महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा कि मानव के अखण्ड विकास का लक्ष्य यदि प्राप्त करना है तो यह अनिवार्य है कि निर्धनता से निपटने के लिये काम किया जाये तथा उन लोगों की मर्यादा को पुनः प्रतिष्ठित किया जाये जो निर्धन रेखा के नीचे अथवा हाशिये पर जीवन यापन कर रहे हैं।

निर्धन राष्ट्रों, विकासशील देशों, लघु द्वीपीय राष्ट्रों, युद्धपीड़ित देशों, युद्धपरिणामों से जूझ रहे देशों तथा विशिष्ट संकट में पड़े राष्टों को वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी उन्होंने अनुरोध किया। 








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