2015-07-12 12:42:00

आसुनसियोनः मावन जीवन की बलि चढ़ाने वाली नीतियों के बहिष्कार का आह्वान


आसुनसियोन, पारागुए, रविवार, 12 जुलाई 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने विश्व नेताओं का आह्वान किया है कि वे निर्धनों की मदद के लिये नवीन आर्थिक संरचनाओं की रचना करें तथा उन नीतियों का बहिष्कार करें जो "धन एवं लाभ की वेदी पर मानव जीवन की बलि चढ़ा देती हैं।"

आर्थिक विकास के लिये ज़िम्मेदार लोगों से सन्त पापा ने कहा कि इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित्त किया जाना चाहिये कि इसका लक्ष्य मानव का अखण्ड विकास हो तथा इसका चेहरा मानवीय।   उन्होंने इस बात पर बल दिया कि "मेज़ पर रोटी, सिर पर छत, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा मानव प्रतिष्ठा के लिये अनिवार्य घटक हैं।"

दक्षिण अमरीका के एक्वाडोर, बोलिविया तथा पारागुए में अपनी आठ दिवसीय यात्रा के अन्तिम चरण में, शनिवार 11 जुलाई को, प्रेरितवर सन्त पेत्रुस के उत्तराधिकारी एवं सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने काकूपे में बाल चिकित्सालय की भेंट की तथा  काकूपे स्थित मरियम तीर्थ पर ख्रीस्तायग अर्पित किया। शनिवार सन्ध्या उन्होंने आसुनसियोन स्थित खेल स्टेडियम में नागर अधिकारियों को सन्देश दिया तथा देश के पुरोहितों, धर्मसमाजियों तथा कलीसियाई समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ सान्ध्य वन्दना का पाठ कर उन्हें सम्बोधित किया।

स्मरण रहे कि सन्त पापा फ्राँसिस 05 जुलाई को रोम से एक्वाडोर, बोलिविया तथा पारागुए की प्रेरितिक यात्रा के लिये रवाना हुए थे तथा सोमवार 13 जुलाई को पुनः रोम लौट रहे हैं। इटली से बाहर सन्त पापा फ्राँसिस की यह नवीं प्रेरितिक यात्रा है।

पारागुए में सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा इस देश के वासियों के लिये विश्व के सर्वप्रिय नेता सन्त जॉन पौल द्वितीय के प्रति श्रद्धार्पण के साथ शुरु हुई थी जिन्होंने 35 वर्ष तक लौहदण्ड से शासन करनेवाले तानाशाही नेता जेनरल आल्फ्रेदो स्ट्रोसनर को चुनौती दी थी। सन् 1989 में तानाशाह स्ट्रोसनर सेना के तख्तापलट द्वारा अपदस्थ कर दिये गये थे जिसके बाद से पारागुए में प्रजातंत्रवाद एवं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने के प्रयास जारी हैं।  ......   

शनिवार को सन्त पापा ने पारागुए के आसुनसियोन से 20 किलो मीटर दूर काकूपे स्थित बाल चिकित्सालय के लगभग 100 बीमार बच्चों, अस्पताल के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की भेंट की तथा उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। तदोपरान्त चिकित्सालय से लगभग 40 किलो मीटर दूर काकूपे में निष्कलंक मरियम को समर्पित तीर्थ पर ख्रीस्तयाग समारोह से पूर्व उन्होंने मरियम के चरणों में श्रद्धा अर्पित कर मौन प्रार्थना की। तीर्थ स्थल पर प्रतिष्ठापित काठ की मरियम प्रतिमा पारागुए के एक ग्वारानी मूर्तिकार द्वारा 16 वीं शताब्दी में काटकर रची गई थी जब स्पेन से पहुँचे येसुधर्मसमाजियों ने विश्व के उस क्षेत्र में मिशनरी कार्यों का सूत्रपात किया था।

शनिवार को पारागुए के काकूपे में सन्त पापा फ्राँसिस अपनी जन्मभूमि आर्जेन्टीना से केवल 25 किलो मीटर दूर थे इसीलिये आर्जेनटीना के हज़ारों तीर्थयात्री देश की सीमा पार कर अपनी मातृभूमि के सुपुत्र के दर्शन को चले आये थे। स्मरण रहे कि 2013 में सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद से सन्त पापा फ्राँसिस के लिये अपनी जन्मभूमि के इतने निकट पहुँचने का यह पहला मौका था।    

पारागुए में सन्त पापा के सभी समारोह स्पानी के साथ-साथ स्थानीय ग्वारानी भाषा में सम्पन्न हुए। देश के अधिकांश लोग ये दोनों भाषाएँ बोलते हैं। काकूपे के मरियम तीर्थ पर ख्रीस्तयाग समारोह के असवर पर ख़ुद सन्त पापा फ्राँसिस ने ग्वारानी भाषा में "हे पिता हमारे" प्रार्थना का नेतृत्व किया, "ओरे रू, युवागापे राईमेवा... "। 








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